दिल्ली के पत्रकारों ने राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और दूसरे पत्रकारों पर 26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर परेड की कवरेज को लेकर दर्ज कराई गई एफ़आईआर को निष्पक्ष भारतीय मीडिया का मुँह बंद करने की कोशिश बताया है।
'निष्पक्ष मीडिया की आवाज़ को दबाने के लिए पत्रकारों पर एफ़आईआर'
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- 30 Jan, 2021
दिल्ली के पत्रकारों ने राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और दूसरे पत्रकारों पर 26 जनवरी को हिए ट्रैक्टर परेड की कवरेज को लेकर दर्ज कराए गए एफ़आईआर को निष्पक्ष भारतीय मीडिया का मुँह बंद करने की कोशिश बताया है।

प्रेस क्लब में हुई इस बैठक में इस कार्रवाई की ज़ोरदार शब्दों में निंदा करते हुए इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया गया। पत्रकारों ने इस मामले को तुरन्त वापस लेने की माँग भी की।
'मीडिया पर हमला'
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और प्रेस क्लब ने मिल कर यह कार्यक्रम रखा था। इसमें प्रेस एसोसिएशन, इंडियन वीमन्स प्रेस कोर और दिल्ली पत्रकार यूनियन के लोगों ने भी भाग लिया।
गिल्ड ने कहा कि छह पत्रकारों के ऊपर दो दिनों में तीन राज्यों में एफ़आईआर दर्ज कराई गईं। उसने यह भी कहा मीडिया को डराने-धमकाने और भारत में निष्पक्ष मीडिया की आवाज़ को दबाने के लिए ऐसा किया गया है।