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राहुल गांधी

ED गांधी को घेरने निकल पड़ी, फिर पूछताछ होगी, क्या सेबी-अडानी पर सवाल उठाने का नतीजा

एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कांग्रेस द्वारा संचालित नेशनल हेराल्ड अखबार की जांच के सिलसिले में नेता विपक्ष राहुल गांधी को पूछताछ के लिए फिर बुलाने जा रहा है। जांच एजेंसी कथित तौर पर अखबार चलाने में अनियमितताओं की अपनी जांच को समाप्त करने के लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता से पूछताछ कर सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एजेंसी इस मामले में पहले ही ₹751 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर चुकी है।

ईडी ने इस मामले में राहुल गांधी से आखिरी बार जून 2022 में पूछताछ की थी। उनकी मां सोनिया गांधी से भी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) के दैनिक कामकाज में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की गई थी। मां-बेटे से गांधी परिवार द्वारा वाईआईएल के स्वामित्व और नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) में इसके शेयरों के पैटर्न के बारे में पूछताछ की गई थी।

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हिन्दुस्तान टाइम्स अखबार की रिपोर्ट में ईडी के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि “हम एजेएल जांच को समाप्त करने और अभियोजन शिकायत दर्ज करने पर विचार कर रहे हैं ताकि मामले की सुनवाई हो सके। राहुल गांधी सहित सभी जुड़े लोगों को जल्द ही बुलाया जा सकता है।”

राहुल का बयान याद है

नेता विपक्ष राहुल गांधी ने 2 अगस्त को दावा किया था कि संसद में बजट 2024 पर चर्चा के दौरान उनके 'चक्रव्यूह' भाषण के बाद ईडी उन पर छापा मारने की योजना बना रही है। एक्स पर एक पोस्ट में गांधी ने कहा था कि हालांकि, वह 'चाय और बिस्कुट' के साथ केंद्रीय जांच एजेंसी का इंतजार करेंगे।

राहुल के उस बयान का भाजपा और मोदी सरकार के मंत्रियों ने मजाक उड़ाया था। लेकिन राहुल गांधी ने बिना विचलित हुए रविवार को सेबी-अडानी संबंधों को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। राहुल ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सिलसिले में ताजा आरोप लगाए। राहुल गांधी इससे पहले भी अडानी समूह को उसके मोदी से रिश्तों को लेकर सवाल करते रहे हैं। लोकसभा में भी प्रमुखता से अडानी को लेकर हमला किया है।


राहुल ने अपने बयान में कहा था कि 'जाहिर है, 2 इन 1 को मेरा चक्रव्यूह भाषण पसंद नहीं आया। ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया कि छापे की योजना बनाई जा रही है।'' राहुल गांधी ने एक्स पर शायद गृह मंत्री अमित शाह को '2 इन 1' से संदर्भित करते हुए कहा था। 29 जुलाई को लोकसभा में रायबरेली से कांग्रेस सांसद गांधी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 'भय के माहौल' के बीच बजट 2024 में घोषणाओं के साथ मध्यम वर्ग को आगे और पीछे से छुरा घोंपा है। उन्होंने कहा था कि ये 6 लोग देश के हालात के लिए जिम्मेदार हैं। उन 6 लोगों में राहुल ने मोदी के अलावा अडानी-अंबानी को भी शामिल किया था। आमतौर पर देश के बड़े उद्योग समूहों के खिलाफ विपक्षी दल कम ही बोल पाते हैं। लेकिन राहुल के निशाने पर दोनों उद्योग समूह बहुत पहले से ही हैं। हाल ही में मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में पीएम मोदी से लेकर विपक्ष के कई नेता पहुंचे। यहां तक कांग्रेस के भी कुछ नेता पहुंचे लेकिन राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी निमंत्रण के बावजूद वहां नहीं गए। हिंडनबर्ग में सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और अडानी पर नए आरोप लगने के बाद राहुल गांधी ने रविवार को फिर हमला बोला था।

अगर निवेशक अपनी मेहनत की कमाई गँवा देते हैं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा- प्रधानमंत्री मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अडानी?


-राहुल गांधी, नेता विपक्ष, 11 अगस्त 2024 सोर्सः राहुल गांधी का एक्स हैंडल

रविवार को राहुल ने कहा था कि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म की हालिया रिपोर्ट से स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरोपों के खिलाफ संयुक्त संसदीय समिति की जांच से क्यों डरते हैं। राहुल ने कहा कि छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले प्रतिभूति विनियामक सेबी की ईमानदारी को उसके अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों ने गंभीर रूप से ठेस पहुंचाई है। 

हिंडनबर्ग रिसर्च ने बुच और उनके पति पर बरमूडा और मॉरीशस स्थित ऑफशोर फंड में गुप्त रूप से निवेश करने का आरोप लगाया। कथित तौर पर ये फंड वही हैं जिनका इस्तेमाल अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने कथित तौर पर फंडों को राउंड-ट्रिपिंग करके शेयर की कीमतों को बढ़ाने के लिए किया था।

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क़मर वहीद नक़वी
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