प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के कड़े आलोचक रहे अभिनेता प्रकाश राज अब ईडी के चंगुल में फँसते दिख रहे हैं। ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने प्रकाश राज को 100 करोड़ रुपये के कथित पोंजी स्कीम मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। हालाँकि, उनके ख़िलाफ़ अभी तक किसी तरह की रिपोर्ट दर्ज होने की बात सामने नहीं आई है।
धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए के प्रावधानों के तहत 20 नवंबर को त्रिची स्थित एक पार्टनरशिप फर्म प्रणव ज्वैलर्स से जुड़ी संपत्तियों पर जांच एजेंसी की तलाशी के बाद प्रकाश राज को यह समन दिया गया है। इस कंपनी पर आरोप है कि यह निवेशकों को 100 करोड़ रुपये छलने के लिए पोंज़ी स्कीम चला रही थी। ईडी के समन की ख़बर के बाद प्रकाश राज ने ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है- 'खेला होबे' और ‘जस्ट आस्किंग’।
— Prakash Raj (@prakashraaj) November 23, 2023
पिछले साल कर्नाटक चुनाव के दौरान प्रकाश राज ने लोगों को जागरूक करने के लिए ‘जस्ट आस्किंग’ के बैनर तले सक्रिय रूप से अभियान चलाया था। वह अभियान में लोगों को सवाल पूछना शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करते थे। वह गौरी लंकेश हत्या के मामले में न्याय दिलाने की पूरज़ोर वकालत करते रहे हैं।
प्रकाश राज देश के मुद्दों पर अपनी राय बेबाक़ी से रखते रहे हैं। वह उन ऐक्टरों में से हैं जो राजनीतिक टिप्पणी करने से भी नहीं चूकते। वह बीजेपी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक रहे हैं। उन्होंने पहले दावा किया था कि बॉलीवुड ने उन्हें फ़िल्मों में काम इसलिए देना बंद कर दिया क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री की आलोचना शुरू कर दी है। वह लगातार कहते रहे हैं कि वह किसी भी पार्टी के पक्ष में नहीं हैं।
बहरहाल, एक रिपोर्ट के अनुसार प्रणव ज्वैलर्स पर उस छापेमारी में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, 23.70 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 11.60 किलोग्राम वजन के सोने के आभूषण बरामद हुए थे।
प्रकाश राज काफी समय तक ज्वैलर के ब्रांड एंबेसडर रहे थे। इंडिया टुडे ने ईडी के सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि प्रकाश राज को बुलाया जाना प्रणव ज्वैलर्स द्वारा बनाई गई कथित फर्जी सोने की निवेश योजना की व्यापक जांच का हिस्सा है।
ईओडब्ल्यू के अनुसार, प्रणव ज्वैलर्स ने आकर्षक रिटर्न का वादा करते हुए सोने की निवेश योजना के बहाने जनता से 100 करोड़ रुपये जुटाए। हालाँकि, कंपनी अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रही, जिससे निवेशक अधर में लटक गए।
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ट्वीट के लिए उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी। अगस्त महीने में चंद्रयान-3 मिशन पर उनके द्वारा ट्वीट किए जाने के बाद से ही सोशल मीडिया पर दक्षिणपंथी विचारों वाले नेता से लेकर सोशल मीडिया यूज़र तक उनके पीछे पड़े थे।
हिंदू संगठनों के नेताओं ने अभिनेता के खिलाफ कर्नाटक के बागलकोट जिले में शिकायत दर्ज कराई और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
दरअसल, यह शिकायत प्रकाश राज के उस ट्वीट को लेकर है जिसमें उन्होंने 20 अगस्त को बनियान और लुंगी पहने और चाय परोसने की तैयारी करते हुए एक आदमी का कार्टून साझा किया था और इसका कैप्शन दिया था, 'विक्रमलैंडर द्वारा चंद्रमा से आने वाली पहली तस्वीर'।
तब कई यूजरों ने उन पर भारत के महत्वाकांक्षी चंद्रमा मिशन का 'मजाक' उड़ाने का आरोप लगाया था। सोशल मीडिया यूज़रों ने कहा था कि चंद्रयान -3 मिशन देश के लिए गौरव है और इसका 'मजाक उड़ाने' के लिए उनकी निंदा की। कुछ लोगों ने यह भी कहा था कि यह पोस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के प्रति उनकी 'अंध नफरत' से प्रेरित थी।
ऐसी कड़ी प्रतिक्रियाएँ आने के बाद भी प्रकाश राज इससे प्रभावित नहीं हुए। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा था, 'नफरत सिर्फ नफरत देखती है.. मैं आर्मस्ट्रांग के समय के एक चुटकुले का जिक्र कर रहा था... हमारे केरल चायवाला का जश्न मना रहा हूं... ट्रोल्स ने किस चायवाले को समझा... अगर आपको चुटकुला नहीं समझ आया तो चुटकुला आप पर है... बड़े हो जाओ।'
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