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ED ने हाई कोर्ट से कहा- दिल्ली आबकारी नीति केस में AAP को आरोपी बनाएँगे

दिल्ली आबकारी केस में ईडी अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया जैसे नेताओं के बाद अब आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाएगी। ईडी ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि आप को आरोपी के रूप में नामित किया जाना तय है। इसने कहा है कि अगले आरोपपत्र में आप के नाम को जोड़ा जाएगा।

अदालत आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए जाँच एजेंसी ने कहा कि सुनवाई में देरी करने के लिए आरोपियों द्वारा काफी मेहनत की जा रही है। इस दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने अदालत को बताया कि मामले में जल्द ही पूरक आरोप पत्र यानी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

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पिछले महीने यह बताया गया था कि जाँच एजेंसी सीएम केजरीवाल के साथ आप के खिलाफ पूरक आरोप पत्र 15 मई से पहले दायर कर सकती है। के कविता की 15 मार्च की गिरफ्तारी के बाद 60 दिन की समय सीमा में आरोप पत्र पेश किया जाना है।

ईडी अधिकारियों ने कहा था कि आप को आरोपी पार्टी के रूप में नामित करना एक अभूतपूर्व कदम है, लेकिन उनके पास इसका समर्थन करने के लिए ठोस कानूनी सलाह है।

यदि आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया जाता है तो पार्टी की संपत्ति जब्त की जा सकती है, बैंक खाते फ्रीज किए जा सकते हैं और इस तरह पार्टी को ख़त्म किया जा सकता है। तो क्या आप के लिए अब आगे का वक़्त कुछ इसी तरह का होने वाला है?
पिछले साल अक्टूबर में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने पूछा था कि यदि पीएमएलए के तहत शराब नीति से एक राजनीति पार्टी को फायदा पहुंचा, तो फिर वो पार्टी इस केस में शामिल क्यों नहीं?
अदालत ने पूछा था कि इस मामले में वह आरोपी या पक्षकार क्यों नहीं है?  सुनवाई के दौरान पीठ ने एक और सवाल पूछा था कि क्या कैबिनेट नोट को कोर्ट ऑफ लॉ में लाया जा सकता है? क्योंकि इसे भी संसदीय कार्रवाई की तरह इम्यूनिटी है।' बाद में 16 अक्टूबर को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने जस्टिस संजीव खन्ना और एसवी भट्टी की पीठ के सामने कहा था कि ईडी धारा 70 का इस्तेमाल करते हुए आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने पर विचार कर रही है। लेकिन इसने इसके लिए पहले और जाँच करने की बात कही थी।
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तो सवाल है कि क्या किसी राजनीतिक पार्टी को आरोपी बनाया जा सकता है? इस मामले में क़ानूनी जानकार क्या कहते हैं? केजरीवाल और सिसोदिया के लिए शीर्ष अदालत में पेश हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने हाल ही में द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि आप एक राजनीतिक इकाई है और इसको पीएमएलए की धारा 70 के प्रावधानों के तहत एक कंपनी के रूप में नहीं माना जा सकता है। कानून के अस्तित्व के 20 वर्षों में कभी भी किसी राजनीतिक दल के खिलाफ इसका इस्तेमाल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि 'यदि ईडी ऐसा करती है तो पूरा विचार संपत्ति जब्त करना, बैंक खाते फ्रीज करना, एक राजनीतिक दल को पंगु बनाना और ख़त्म करने का है। यह लोकतंत्र और आयकर एवं पीएमएलए अधिनियमों के इतिहास में अभूतपूर्व होगा। इससे यह भी साफ़ हो जाएगा कि राजनीतिक गतिविधियों को कथित वित्तीय उल्लंघनों के आधार पर कमजोर किया जा सकता है और चुनावों के दौरान रणनीतिक रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है।'
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सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, 'एक राजनीतिक दल एक वैधानिक निकाय और लोगों की एक संरचना है। यह अनुचित कदम होगा और इससे कुछ हासिल नहीं होगा। इस तरह के कदम से दुर्भावना की बू आती है और यह हताशा का कदम होगा। यह और कुछ नहीं बल्कि बदनाम करने का प्रयास है और पीएमएलए की धारा 70 के प्रावधानों का पूर्ण दुरुपयोग है।'

ईडी ने आरोप लगाया था कि आप दिल्ली शराब घोटाले में उत्पन्न अपराध की आय का एक प्रमुख लाभार्थी है, आप ने केजरीवाल के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया है और इस तरह अपराध धारा 70, पीएमएलए के अंतर्गत आते हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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