क्या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को पोलिंग बूथ की सीसीटीवी फुटेज देने से मतदाताओं की निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा? चुनाव आयोग ने चुनावी नियमों में बदलाव करते हुए कहा है कि मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज उम्मीदवारों और आम जनता को नहीं दी जा सकती हैं। इसने कहा है कि ये फुटेज उपलब्ध कराए जाने वाले दस्तावेजों की श्रेणी में नहीं आती है। कहा जा रहा है कि हाल में किए गए संशोधन के बाद फुटेज को देने पर रोक लगा दी गई है। हालाँकि, चुनाव आयोग इस संशोधन को स्पष्टीकरण बता रहा है।
EC पोलिंग बूथ की सीसीटीवी फुटेज क्यों नहीं देना चाहता; नियम क्यों बदले?
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- 22 Dec, 2024
मौजूदा नियमों में चुनाव आयोग के लिए कोई वीडियोग्राफिक रिकॉर्ड या सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने की बाध्यता का ज़िक्र नहीं है तो फिर चुनाव आयोग ने अब बदलाव क्यों किया?

इस संशोधन से पहले चुनाव संचालन नियमों की धारा 93(2) के तहत प्रावधान था कि चुनाव से संबंधित अन्य सभी कागजात अदालत की अनुमति से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराए जा सकेंगे। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में चुनाव आयोग को हरियाणा विधानसभा चुनाव से संबंधित ज़रूरी दस्तावेजों की प्रतियां अधिवक्ता महमूद प्राचा को उपलब्ध कराने का निर्देश दिए जाने के बाद ये बदलाव किए गए। उन्होंने वीडियोग्राफी, सीसीटीवी कैमरा फुटेज और चुनाव संचालन से संबंधित फॉर्म 17-सी भाग I और II की प्रतियों की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।