तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि द्वारा नीट मेडिकल परीक्षा से संबंधित विधेयक वापस करने के मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर नारेबाजी हुई। इसको लेकर कांग्रेस, डीएमके व टीएमसी ने राज्यसभा से वाकआउट कर दिया।
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने हाल ही में नीट (एनईईटी) छूट विधेयक को वापस कर दिया है। इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाया गया। डीएमके के सांसदों ने राज्यपाल के फ़ैसले का विरोध किया। तमिलनाडु से डीएमके सांसद तिरुचि शिवा और उनकी पार्टी के साथी उच्च सदन में इस मुद्दे को उठाने के लिए सदन के वेल में घुस गए।
डीएमके सांसदों का कहना है कि तमिलनाडु विधानसभा द्वारा एनईईटी छूट विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया गया था, और राज्यपाल का कदम राज्य के लोगों की इच्छा के ख़िलाफ़ था। दरअसल, तमिलनाडु की डीएमके सरकार मेडिकेल प्रवेश परीक्षा एनईईटी यानी नीट से राज्य को छूट देने की मांग करती रही है और इसी को लेकर इसने विधानसभा में सर्वसम्मति से विधेयक पास कराया। लेकिन राज्यपाल इससे सहमत नहीं हैं।
इसी मुद्दे को संसद में उठाया गया। यह मुद्दा राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया गया था। डीएमके के सदस्यों ने इस विषय को उठाने पर जोर दिया, लेकिन राज्यसभा के सभापति ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इस दौरान डीएमके के सदस्यों ने राज्यपाल आरएन रवि को पद से हटाने की मांग भी की।
इस बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आग्रह किया कि सभापति सदस्यों को अपना पक्ष रखने में सक्षम बनाएँ। जब वे मुद्दा उठाने में विफल रहे तो कांग्रेस, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के साथ-साथ विपक्षी दलों के अन्य सदस्यों ने भी सदन से वाकआउट कर दिया।
कार्यवाही के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कमेटी गठित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पांच राज्यों में चुनाव के बाद जल्द से जल्द एमएसपी पर कमेटी गठित की जाएगी।
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