पाँच राज्यों में चुनाव ख़त्म होते ही अब पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ने के संकेत हैं। कई रिपोर्टों में कहा गया है कि अगले 2 से 3 दिनों में सरकार पेट्रोल-डीज़ल पर 2 रुपये प्रति लीटर तक एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ा सकती है। इन राज्यों में चुनाव की घोषणा से पहले ही अक्टूबर में पेट्रोल-डीज़ल सस्ता करने के लिए एक्साइज़ ड्यूटी में 1 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी।
क़ीमत 90 रु. तक पहुँच गई थीचुनाव की घोषणा से पहले अक्टूबर में कई जगह पेट्रोल की क़ीमतें 90 रुपये तक और डीज़ल के दाम 85 रुपये तक पहुँच गए थे। आम लोगों की बढ़ती परेशानी से और विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन से सरकार पर दबाव पड़ा। तब सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी कम की। 4 अक्टूबर से लेकर अब तक पेट्रोल 13.10 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हो गया है। इस सप्ताह की शुरुआत में मुंबई में पेट्रोल की क़ीमत 80 रुपये प्रति लीटर से नीचे आ चुकी है। अब चुनाव ख़त्म होते ही फिर से इनकी क़ीमतें बढ़ने के आसार हैं हालाँकि इस बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की क़ीमतों में गिरावट आई है।
कच्चा तेल साल के सबसे निचले स्तर पर
क़रीब दो महीने पहले कच्चा तेल 86.74 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुँच गया था। अब यह गिर कर 60 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया है। यह 1 साल का सबसे निचला स्तर है। बता दें कि भारत अपनी ज़रूरतों का क़रीब 80 प्रतिशत ईंधन विदेश से आयात करता है। आयातित तेल पर केंद्र और राज्य की सरकारें टैक्स अलग से लगाती हैं जिससे कीमतें और ज़्यादा बढ़ जाती हैं।
केंद्र सरकार पेट्रोल पर 18.48 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 14.33 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज़ ड्यूटी वसूल रही है। इसके बाद राज्य सरकारें वैट लगाती हैं, जिसकी दर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है।
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