वक़्फ़ संशोधन अधिनियम मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। अदालत ने संशोधन के कुछ हिस्सों पर सरकार को आगे बढ़ने से तब तक के लिए रोक दिया है जब तक कि अदालत का अगला आदेश न आ जाए। इस मामले में अदालत ने गुरुवार को कई अहम टिप्पणियाँ कीं। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा केंद्र के जवाब की समीक्षा करने के बाद अधिनियम के संबंध में अंतरिम आदेश पारित किया जाएगा।


दरअसल, वक़्फ़ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश पारित किया। कोर्ट ने केंद्र सरकार को सात दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई तक वक़्फ़ बोर्ड या केंद्रीय वक़्फ़ परिषद में कोई नई नियुक्ति न करने और 'वक़्फ़ बाय यूज़र' संपत्तियों को डी-नोटिफ़ाई न करने का आदेश दिया। यह फ़ैसला न केवल वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन से जुड़ा है, बल्कि धार्मिक स्वायत्तता, संवैधानिक अधिकारों और सामाजिक समरसता के बड़े सवालों को भी उजागर करता है।