दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को भी उसकी जाँच के दायरे को लेकर हिदायत दी है। अदालत ने बुधवार को कहा कि ईडी को अन्य एजेंसियों द्वारा दिए गए सबूतों पर भरोसा करना होता है और वह प्रेडिकेट ओफेंस के मामले में की गई जाँच से परे नहीं जा सकती है। प्रेडिकेट यानी अनुसूचित अपराध उन अपराधों को बताता है जो कुल मिलाकर 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक से जुड़ा हो।