दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन सप्लाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को अदालत की अवमानना का नोटिस दिया है। अदालत ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आपको सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना ही होगा, ऐसा नहीं करने पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी, बहुत हो गया है।
हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि एक मई के हमारे आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी ऑक्सीजन देने आदेश पारित किया था।
केंद्र सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक अनुपालन हलफनामा दायर किया जा रहा है। इस पर हाई कोर्ट ने पूछा कि जब आवश्यक ऑक्सीजन दिल्ली में नहीं लाई जा रही है तो हलफनामा क्या करेगा।
केंद्र को कड़ी फटकार
हाई कोर्ट ने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार ऑक्सीजन की आपूर्ति के पहलू को देख रही है, हमें पीड़ा होती है। जब लोग मर रहे हैं तो यह एक भावनात्मक मामला है। आप इस पर अंधे हो सकते हैं, पर हम अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते। यह दुखद है कि दिल्ली में ऑक्सीजन के अभाव में लोगों की जान जा रही है।आप इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं?“
1 मई के हमारे आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी ऑक्सीजन देने आदेश दिया था। आप शुतुरमुर्ग की तरह रेत में अपना सिर छिपा सकते हैं, हम नहीं।
दिल्ली हाई कोर्ट
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को साफ निर्देश दिया था कि वह दिल्ली को प्रतिदिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दे। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को जो आश्वासन दिया था, उसका पालन नहीं हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन रोज़ाना देने की मांग को भी ध्यान में रखा है।
अदालत ने दी थी चेतावनी
बता दें कि दिल्ली के बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से एक डॉक्टर समेत आठ लोगों के मारे जाने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली के कोटे की ऑक्सीजन उसे देने का आदेश दिया था और कहा था कि इस आदेश का पालन नहीं हुआ तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा।
अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि अब पानी सिर के ऊपर से गुजर रहा है, अदालत आँख मूंद कर नहीं रह सकती और अब भी अदालत के आदेश का पालन नहीं हुआ तो उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि चाहे जहाँ से हो, दिल्ली को 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ऱोज दो।
अपनी राय बतायें