महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को तगड़ा झटका लगा है। दिल्ली की एक अदालत ने बीजेपी नेता बृजभूषण के ख़िलाफ़ आरोप तय कर दिए हैं।
यह कहते हुए कि मामले के मुख्य आरोपी बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री है, राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने उन पर एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने और पांच पीड़ितों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप तय किए। अदालत ने नोट किया कि उसे बृजभूषण के खिलाफ अपराध 506(1) यानी आपराधिक धमकी के तहत पीड़ित 1 और 5 के लिए पर्याप्त सामग्री मिली है। हालांकि, उन्हें पीड़ित संख्या 6 द्वारा लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया गया है। इसके तहत बृजभूषण पर 354डी यानी पीछा करना का आरोप नहीं लगाया गया।
मामले में दूसरे आरोपी डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के लिए अदालत ने कहा कि एक पीड़ित के आरोपों के संबंध में आपराधिक धमकी के लिए उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री है। एसीएमएम प्रियंका राजपूत की अदालत ने पिछले महीने मामले में आगे की जांच की मांग करने वाली बृजभूषण की याचिका खारिज कर दी थी।
दिल्ली पुलिस ने पिछले साल जून में बृजभूषण के खिलाफ छह महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न, हमले और पीछा करने के आरोप में आरोप पत्र दायर किया था। पुलिस ने अपने 1500 पन्नों के आरोपपत्र में पहलवानों, एक रेफरी, एक कोच और एक फिजियोथेरेपिस्ट सहित चार राज्यों के कम से कम 22 गवाहों के बयानों का उल्लेख किया था। इन्होंने बृजभूषण के खिलाफ छह महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि की है।
पड़ताल के आधार पर दिल्ली पुलिस ने इसी साल जनवरी महीने में राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया था कि बृजभूषण शरण सिंह ने कथित तौर पर पहलवानों को धमकी दी और उन्हें चुप रहने को कहा। बृजभूषण पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पहलवानों के बयान पढ़ते हुए दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा था, 'आगे कुश्ती खेलनी है तो चुप रहना... मैं किसी का करियर बना सकता हूं, बिगाड़ भी सकता हूं। अगर मैं किसी का करियर बना सकता हूं तो उसे बर्बाद भी कर सकता हूं।'
एक पहलवान की शिकायत का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा था कि केवल महिलाओं को सह-आरोपी और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के कार्यालय में प्रवेश की अनुमति थी।
पुलिस के अनुसार शिकायतकर्ता ने बताया था कि तोमर के कार्यालय के दरवाजे बंद रखे गए थे और उन्होंने किसी भी पुरुष पहलवान को प्रवेश करने से रोक दिया था। तब दिल्ली पुलिस के वकील ने बृजभूषण द्वारा एक पहलवान को गले लगाने और फिर इसे पिता जैसा कृत्य बताने की घटना का भी जिक्र किया। पुलिस के वकील ने कहा था, 'उन्होंने कहा कि उन्होंने पिता तुल्य होने के नाते ऐसा किया। दोषी मन हमेशा सचेत रहता है। उन्होंने यह स्पष्टीकरण क्यों दिया?'
दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 15 जून को बृजभूषण के खिलाफ धारा 354 यानी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल, 354 ए यानी यौन उत्पीड़न, 354 डी यानी पीछा करना और 506 यानी आपराधिक धमकी के तहत आरोप पत्र दायर किया था।
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न को लेकर दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और महिला पहलवानों का पीछा करने का आरोप लगाया गया था।
दिल्ली पुलिस ने पहले अदालत से कहा था कि आरोपी बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। दिल्ली पुलिस ने कहा कि ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान बृजभूषण सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर सही ठहराया कि उन्होंने ऐसा एक पिता की तरह किया।
कमरे में बुलाकर जबरन गले लगाने का आरोप
महिला पहलवानों द्वारा दिल्ली में दर्ज कराई गई एफ़आईआर में ऐसी ही यौन उत्पीड़न की शिकायतें की गई हैं। एक पीड़ित पहलवान की शिकायत में कहा गया है कि जिस दिन महिला पहलवान ने एक प्रमुख चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने उसे अपने कमरे में बुलाया, उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध अपने बिस्तर पर बैठाया और उसकी सहमति के बिना उसे जबरदस्ती गले लगाया। इसमें कहा गया है कि इसके बाद भी वर्षों तक, वह यौन उत्पीड़न के निरंतर कृत्य और बार-बार गंदी हरकतें करते रहे।
दूसरी महिला पहलवानों ने भी यौन उत्पीड़न और दुराचार की कई घटनाओं में छेड़छाड़, ग़लत तरीक़े से छूने और शारीरिक संपर्क का आरोप लगाया है। आरोप लगाया गया है कि इस तरह के यौन उत्पीड़न टूर्नामेंट के दौरान, वार्म-अप और यहाँ तक कि नई दिल्ली में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में भी किया गया। उन्होंने कहा है कि साँस जाँचने के बहाने उनकी छाती और नाभि को ग़लत तरीक़े से पकड़ा गया था।
एक समय पूरे देश को झकझोर देने वाले महिला पहलवानों के ऐसे आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण शरण सिंह को जैसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ा! सितंबर महीने में उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर चेता दिया था कि उनका टिकट काटने की हिम्मत किसी में नहीं है। उन्होंने कहा था, 'कौन काट रहा है, उसका नाम बताओ। काटोगे आप? ...काटोगे? ....काट पाओ तो काट लेना।'
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