गुजरात के मेहसाणा ज़िले के लहोड़ गाँव के दलितों ने मरा हुआ जानवर उठाने से इनकार कर दिया तो लोगों को अचरज हुआ। सदियों से यही होता आया है कि गाय ही नहीं, उसके पेशाब तक को पवित्र मानने वाला सवर्ण समुदाय उसके मरने के बाद उसे छूता तक नहीं है, दलित उस मरी गाय को उठा कर ले जाते हैं, उसकी खाल उघेड़ कर, हड्डियाँ निकाल कर रख लेते हैं और अवशेष दफ़ना देते हैं।