ओडिशा में चक्रवात दाना के गुरुवार रात दस्तक देने की संभावना है। इससे पहले कई तटीय जिलों से अधिकारी लगभग 10 लाख लोगों को निकालने में लगे हैं। इतनी संख्या में लोगों को निकालने के लिए अधिकारियों के पास समय की कमी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार चक्रवात दाना एक भयंकर चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इसकी हवा की गति 120 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है। राज्य की लगभग आधी आबादी प्रभावित हो सकती है।
आईएमडी ने बताया कि आज सुबह 5.30 बजे तक चक्रवात ओडिशा के धामरा से 290 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में और पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप से 350 किलोमीटर दक्षिण में था। चक्रवात के ओडिशा में भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और धामरा बंदरगाह के बीच टकराने की संभावना है।
The severe cyclonic storm “DANA” (pronounced as Dana) over central & adjoining northwest Bay of Bengal moved north-northwestwards with a speed of 12 kmph during past 6 hours, and lay centred at 0530 hrs IST of today, the 24th October, over northwest & adjoining central Bay of… pic.twitter.com/fPghki83YT
— India Meteorological Department (@Indiametdept) October 24, 2024
कोलकाता एयरपोर्ट गुरुवार शाम 6 बजे से शुक्रवार सुबह 9 बजे तक उड़ान संचालन को निलंबित कर देगा, जबकि भुवनेश्वर एयरपोर्ट आज शाम 5 बजे से शुक्रवार सुबह 9 बजे तक अपने परिचालन को निलंबित कर देगा। चक्रवात के मद्देनजर दोनों पड़ोसी राज्यों से होकर गुजरने वाली करीब 200 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात के भितरकनिका और धामरा के बीच आने की संभावना के चलते क़रीब 4 लाख लोगों को चक्रवात आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया है। स्थिति की समीक्षा करने के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मीडियाकर्मियों से कहा, 'राज्य सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे घबराएं नहीं। आप सुरक्षित हाथों में हैं। हम कई प्रणालियों की मदद से स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।'
जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिलों में चक्रवात का सबसे ज़्यादा असर होने की संभावना है। यहाँ हवा की गति 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है।
मौसम विज्ञान विभाग ने भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। आईएमडी ने भविष्यवाणी की है कि गुरुवार और शुक्रवार को कई अन्य तटीय और आंतरिक जिलों में भी बारिश होने की संभावना है।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों द्वारा स्थिति की निगरानी के साथ, ओडिशा सरकार ने जमीनी स्तर पर राहत और बचाव गतिविधियों की निगरानी के लिए नौ मंत्रियों को नौ जिले सौंपे हैं।
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि तूफान के आने के दौरान लगभग 1 मीटर ऊंची लहरें उठेंगी, जिसके परिणामस्वरूप केन्द्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिलों के निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं। सुंदरबन के बाद दूसरे सबसे बड़े मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र भितरकनिका के पास भूस्खलन होने की भविष्यवाणी की गई है। राजनगर के मैंग्रोव वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ सुदर्शन गोपीनाथ जाधव ने कहा, 'यदि जल स्तर बढ़ता है, तो संभावना है कि मगरमच्छ मानव बस्तियों में चले जाएं। हमने दो टीमें बनाई हैं, जिनमें से प्रत्येक में सात व्यक्ति हैं, और उन्हें मगरमच्छों को बचाने के लिए उपकरण दिए गए हैं। मानव बस्तियों से सांपों को बचाने के लिए पांच अन्य टीमें भी बनाई गई हैं।'
ओडिशा और पश्चिम बंगाल दोनों जगहों पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना और सेना के अतिरिक्त बचाव कर्मियों को भी तैनात किया गया है। बंगाल में अधिकारियों ने बुधवार रात तक 1.14 लाख से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित केंद्रों पर पहुंचाया है। राज्य सरकार ने निकाले जाने के लिए बांकुरा, हुगली, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पश्चिम और पूर्व मेदिनीपुर और कोलकाता से 2,82,863 लोगों की पहचान की है।
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