मोदी सरकार फासीवादी है या नहीं, इस पर खुद वाम दलों में बड़ा मतभेद हो गया है। वाम दलों में तो इसको लेकर विवाद चल ही रहा है, इसमें कांग्रेस भी कूद गई है। इन वजहों से मोदी सरकार की ‘फासीवादी प्रवृत्तियों’ को लेकर सीपीएम एक अजीब राजनीतिक दुविधा में फँस गई है।