विवाद सामने आने के बाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू है। इसलिए कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की फोटो हटा दी गई है।
अफसाना नहीं हकीकत
मार्च 2021 में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने चुनाव आयोग से शिकायत कर वैक्सीन सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की फोटो हटाने का अनुरोध किया था। उस समय के अखबार सूत्रों के हवाले से बता रहे हैं कि चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को फोटो हटाने के लिए कहा था। लेकिन अखबारों ने इसके फालोअप के बारे में नहीं बताया कि तब मोदी का फोटो हटा था या नहीं। लेकिन इस बार कोविशील्ड ने मोदी की फोटो को अफसाना बना दिया है। सरकार आरोपों के घेरे में आ गई है। क्योंकि कोरोना काल की सरकारी बदइंतजामी, नदियों में तैरती लाशें, अस्पतालों में मौत का तांडव लोग याद कर रहे हैं। कोविशील्ड ने उस समय की यादें ताजा कर दीं हैं।हालांकि वैक्सीन सर्टिफिकेट पर मोदी की फोटो को लेकर 2021 में भी विवाद हो चुका है। यह मामला केरल हाईकोर्ट में भी पहुंचा था। तब कोर्ट में तर्क दिया गया था बाकी देशों में वैक्सीन सर्टिफिकेट के साथ वहां के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की फोटो नहीं होती। इस पर जस्टिस पीवी कुन्नीकृष्णन ने कहा था : "उन्हें अपने प्रधानमंत्रियों पर गर्व नहीं होगा, हमें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है।" पता नहीं जज साहब ने यह बात तंज में कही थी या गंभीरतापूर्वक कही थी। जज साहब ने याचिका खारिज कर दी थी। इसलिए इस पर अब बहस बेकार है।
क्या है कोविशील्ड का मामला
कोविड संक्रमण के काल में एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय ने एक वैक्सीन विकसित की। इस वैक्सीन को बनाने के लिए भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने क़रार किया और इसको भारत में कोविशील्ड नाम से वैक्सीन बनाना शुरू किया। इस वैक्सीन को लेकर शुरू से ही ब्लड क्लॉटिंग के गंभीर मामले आने की शिकायतें आती रही हैं।कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने इस बात को तब स्वीकार किया है जब वह इस वैक्सीन के कारण कुछ केस में मानव स्वास्थ्य को होने वाले गंभीर नुकसान और कई मौतों के आरोपों से जुड़े मुकदमों को झेल रही है। इसने पहली बार अदालती दस्तावेजों में माना है कि उसकी कोविड 19 वैक्सीन दुर्लभ दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है।
क्या था सरकार का बयान
वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट पर आ रही रिपोर्टों को लेकर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मार्च 2021 में कहा था कि कोवैक्सिन और कोविशील्ड दोनों पूरी तरह से सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक हैं और अब तक देश में इस्तेमाल किए जा रहे इन टीकों की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा था कि 'देश में कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाए गए लाभार्थियों की कुल संख्या में गंभीर साइड इफेक्ट की सूचना देने वालों का प्रतिशत 0.0002 है'। लेकिन विदेश में तो कुछ और ही हो रहा था।
2021 में ही एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन पर यूरोपीय यूनियन के बड़े देशों- जर्मनी, इटली, फ्रांस जैसे कई देशों ने तात्कालिक तौर पर रोक लगा दी थी। 2022 में ही एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में कहा गया था कि फाइजर की तुलना में एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन से जुड़े मामलों में ब्लड क्लॉटिंग का जोखिम ज़्यादा रहा है। इसमें कहा गया है कि यह 30 फ़ीसदी तक अधिक है।
अखिलेश का हमला
अखिलेश यादव ने वैक्सीन लगवाने से उस समय मना कर दिया था। अब उन्होंने इस मामले पर भाजपा और मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है। अखिलेश ने अपने ट्वीट में लिखा है- एक व्यक्ति को 2 वैक्सीन के हिसाब से लगभग 80 करोड़ भारतीयों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गयी है, जिसके बारे में उसका मूल फ़ार्मूला बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि इससे हार्ट अटैक यानी हृदयघात का ख़तरा हो सकता है। जिन लोगों ने वैक्सीन के साइड एफ़ेक्ट के कारण अपनों को खोया है या जिन्हें वैक्सीन के दुष्परिणामों की आशंका थी, अब उनका शक़ और डर सही साबित हुआ है। लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करनेवालों को जनता कभी माफ़ नहीं करेगी। ऐसी जानलेवा दवाइयों को अनुमति देना किसी की हत्या के षड्यंत्र के बराबर है और इसके लिए ज़िम्मेदार सभी पर आपराधिक मुक़दमा चलना चाहिए। सत्ताधारी दल ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से राजनीतिक चंदा वसूलकर जनता की जान की बाज़ी लगायी है। न क़ानून कभी उन्हें माफ़ करेगा, न जनता। इस मामले में सर्वोच्च स्तर पर न्यायिक जाँच हो। अखिलेश के इस बयान में सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों को व्यक्त किया गया है।सोशल मीडिया पर छाया मुद्दा
मोदी की फोटो हटाए जाने का मुद्दा सोशल मीडिया पर गरमाया हुआ है। भाजपा कितने लोगों का मुंह बंद कराएगी। प्रियंका पाटिल नामक ट्विटर यूजर ने लिखा है- वाह मोदी जी वाह! जैसे ही COVID टीकों के घातक नतीजे सामने आए। मोदी ने तुरंत वैक्सीन प्रमाणपत्रों से अपनी तस्वीर हटा दी। वैक्सीन का श्रेय साहेब को जाता है और दुष्परिणामों के लिए नेहरू जी जिम्मेदार हैं।Waah Modi ji Waah !
— The Priyanca Patil ✋ (@PatilPriyanca) May 2, 2024
As soon as the fatal side effects of the COVID Vaccines got revealed , Modi immediately got his photo removed from the vaccine certificates.
Credit for the vaccine goes to Saheb
And Nehruji is responsible for the side effects. 👏🏻👏🏻(Slow clap) . pic.twitter.com/OgiLovDWqP
Opposition should tell people how did modi government took money from #Covishield and ignored deaths after Covid
— Dr Gaurav Kumar (@ImJordanGaurav1) April 30, 2024
No Investigation or research took place to counter this problem #ArrestNarendraModi pic.twitter.com/YJeOWODBwx
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