देश भर में अब तक कोरोना वायरस संक्रमित 377 लोगों की मौत हुई है जिसमें से सिर्फ़ महाराष्ट्र में ही यह संख्या 178 है। यानी महाराष्ट्र में ही क़रीब 47 फ़ीसदी मौतें हुई हैं। जबकि यदि शहरों के हिसाब से देखा जाए तो देश के चार शहरों- मुंबई, पुणे, इंदौर और दिल्ली में 232 मौतें हुई हैं। यानी क़रीब 61 फ़ीसदी। इस हिसाब से देखें तो इस वायरस का असर कुछ राज्यों में ज़्यादा हुआ है और मौतें भी कुछ शहरों में ही ज़्यादा हुई हैं।
लॉकडाउन के बाद भी कोरोना वायरस का फैलना नहीं रुका है। 14 दिन पहले यानी 29 मार्च को जहाँ 160 ज़िले वायरस से प्रभावित थे वे 12 अप्रैल तक बढ़कर 364 हो गए। यानी देश के 718 ज़िलों में से आधे से ज़्यादा कोरोना की चपेट में हैं। इतने क्षेत्रों में वायरस फैला है लेकिन कुछ ही जगहों पर इसका असर काफ़ी ज़्यादा है।
देश भर में क़रीब 11 हज़ार 400 कुल पॉजिटिव केस आए हैं। इनमें सबसे ज़्यादा महाराष्ट्र में 2687 मामले हैं। इसके बाद दिल्ली में 1561 पॉजिटिव केस। तमिलनाडु में 1204 पॉजिटिव केस आए और 12 मौतें, राजस्थान में 969 पॉजिटिव केस और 3 मौतें, मध्य प्रदेश में 730 पॉजिटिव केस और 50 मौतें व गुजरात में 650 पॉजिटिव केस, 28 मौतें हुई हैं। दूसरे राज्यों में इनसे कम मामले आए हैं।
राजस्थान में मृत्यु दर बेहद ही कम है जो कि काफ़ी अच्छी ख़बर है। राज्य में 969 पॉजिटिव मामले आए हैं इनमें से सिर्फ़ 3 लोगों की मौत हुई है। यानी मृत्यु दर 0.3 फ़ीसदी रही है।
शहरों के हिसाब से कोरोना से होने वाली मौत के मामले देखें तो मुंबई में 127, पुणे में 38, इंदौर में 37 और दिल्ली में 30 मौतें हुई हैं। दूसरे शहरों में भी मौतें हुई हैं, लेकिन इनसे कम ही हैं।
इन शहरों में से पुणे में कोरोना पॉजिटिव मरने वालों की मृत्यु दर 10 फ़ीसदी रही। इंदौर में हर 11 में से एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत हो गई। मृत्यु दर मुंबई और दिल्ली में अपेक्षाकृत कम है। मुंबई में जहाँ हर 16 व्यक्ति में से एक की मौत हुई वहीं दिल्ली में प्रति 52 मरीजों में से एक व्यक्ति की मौत हुई।
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