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कांग्रेस और भाजपा को नए भवन मिले, पुराने कार्यालय क्यों नहीं छोड़ रहे?

कांग्रेस सोमवार को अपने नये कार्यालय में प्रवेश कर गई। इसका अब नया पता 9, कोटला रोड है। पहले इसका पता 24, अकबर रोड था और वहाँ पार्टी का 47 साल से हेडक्वार्टर था। तो सवाल है कि अब 24, अकबर रोड के कार्यालय का क्या होगा? क्या इसका भी हाल वही होगा जो 11, अशोक रोड के बंगले का हुआ। यह बंगला सात साल पहले तक बीजेपी का कार्यालय था। यहीं बीजेपी का मुख्यालय था। लेकिन फरवरी 2018 में बीजेपी ने दिल्ली में दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर अपना मुख्यालय स्थानांतरित कर दिया।

बीजेपी ने अपना मुख्यालय नये भवन में शिफ्ट करने के सात साल बाद भी पहले आवंटित 11, अशोक रोड बंगले पर कब्जा करना जारी रखा है। अब माना जा रहा है कि बीजेपी की देखादेखी कांग्रेस भी पुराने भवन को खाली नहीं कर सकती है। बता दें कि राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को दिल्ली में कार्यालय के लिए केंद्र से एक प्लॉट मिलता है। तो सवाल है कि क्या राजनीतिक पार्टियाँ दो-दो प्लॉट पर कब्जा कर सकती हैं?

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इस मामले में क्या नियम है, यह जानने से पहले यह जान लें कि कार्यालय को लेकर क्या किसी तरह का विवाद रहा है। हाल ही में आम आदमी पार्टी के कार्यालय का विवाद सामने आया था।  

दिल्ली स्थित आम आदमी पार्टी के कार्यालय को लेकर जमीन विवाद रहा है। पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को अतिक्रमण हटाने के लिए बैठक करने के लिए कहा था। आरोप है कि आईटीओ के पास राउज एवेन्यू स्थित आम आदमी पार्टी का कार्यालय जिस जमीन पर बनाया गया, वो जमीन दिल्ली हाई कोर्ट के लिए आवंटित हुई थी। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने अतिक्रमण कर पार्टी कार्यालय बनाने के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। इसके दो महीने बाद जब आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला तो इसने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। 2023 में 10 अप्रैल को चुनाव आयोग ने आप को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी।

पिछले साल जून में दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आप को 15 जून तक अपना वर्तमान पार्टी कार्यालय खाली करना होगा। हालांकि हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 6 सप्ताह के भीतर आप की मांग पर विचार करने का आदेश देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी अपने कार्यालय के निर्माण के लिए स्थायी जमीन आवंटित होने तक सामान्य पूल से आवास इकाई का उपयोग करने की हकदार है। 

दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल कहा था कि आप को अन्य राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की तरह यहां पार्टी कार्यालय के लिए जगह पाने का अधिकार है।

राष्ट्रीय दलों के लिए नियम क्या

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के भूमि और विकास कार्यालय द्वारा 13 जुलाई, 2006 को प्रकाशित एक नीति में कहा गया है कि सरकार ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को दिल्ली में कार्यालय आवास के निर्माण के लिए उपलब्धता के अधीन भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया है। नीति में चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त सभी राष्ट्रीय दलों के साथ-साथ संसद के दोनों सदनों में कम से कम सात सांसदों वाले राज्य दलों को जमीन आवंटन का प्रावधान है।

रिपोर्ट के अनुसार नीति में कहा गया है, 'यदि राजनीतिक दल अपने कार्यालय के उद्देश्य से विट्ठलभाई पटेल हाउस में सरकारी बंगले/सुइट पर कब्जा कर रहे हैं, तो उन्हें आवंटित भूमि पर अपने कार्यालय भवन के निर्माण के तुरंत बाद या भूखंड पर खाली कब्जे की तारीख से तीन साल के भीतर, जो भी पहले हो, उसे खाली कर देना चाहिए।' पार्टी को जमीन के लिए प्रीमियम और वार्षिक भूमि किराया देना होगा, जो पट्टे पर दिया जाएगा और फ्रीहोल्ड संपत्ति में रूपांतरण के लिए पात्र नहीं होगा। 

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क्या बीजेपी ने बंगला खाली किया?

बीजेपी को 1985 में पार्टी कार्यालय के रूप में उपयोग के लिए 11, अशोक रोड पर टाइप-VIII बंगला आवंटित किया गया था, जो सबसे बड़ी सरकारी आवासीय सुविधा वाला शीर्ष श्रेणी का बंगला है। पार्टी 2014 तक उसी कार्यालय में काम करती रही, जब वह लोकसभा चुनावों में जीत कर सत्ता में आई। 20 अगस्त, 2017 को बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया क्योंकि तब तक पार्टी को अपने नए कार्यालय के निर्माण के लिए भूमि आवंटित कर दी गई थी, जैसा कि आरटीआई के माध्यम से प्राप्त आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के संपदा निदेशालय के रिकॉर्ड से पता चलता है। अंग्रेज़ी अख़बार ने यह रिपोर्ट दी है।

2018 से जबकि बीजेपी का मुख्यालय नए स्थान पर स्थानांतरित हो गया है, इसके कुछ संचालन अशोक रोड परिसर से ही चल रहे हैं।

कांग्रेस के मामले में क्या होगा?

कांग्रेस ने 2009 में इंदिरा भवन नाम से अपने नए मुख्यालय का निर्माण शुरू किया था। यह दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर ही एक भूखंड पर है। अपने पते में भाजपा विचारक का नाम आने से बचने के लिए कांग्रेस ने अपने मुख्यालय का निर्माण कोटला मार्ग पर प्रवेश द्वार के साथ करना चुना।

24, अकबर रोड, बंगला जो अब तक कांग्रेस कार्यालय था, 1978 में कांग्रेस में विभाजन के बाद इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाले पार्टी गुट का मुख्यालय बन गया। तब से, बंगला अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुख्यालय के रूप में कार्य करता रहा है।

अंग्रेजी अख़बार ने पार्टी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि नए भवन में जाने के बाद बंगला खाली करने की संभावना नहीं है, और अकबर रोड परिसर में कुछ बैठकें आयोजित करना जारी रख सकती है।

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सरकारी सूत्रों के अनुसार, भाजपा या कांग्रेस द्वारा उनके बंगलों पर लगातार कब्जा करना नीति का उल्लंघन है। सूत्रों ने कहा कि इस पर फैसला शीर्ष स्तर पर ही लिया जाएगा और जब भी बंगले खाली कराने का फैसला होगा, पार्टियों को अनधिकृत कब्जे के लिए हर्जाना देना होगा - जब तक कि कैबिनेट कमेटी ऑन एकोमोडेशन द्वारा इसे माफ नहीं कर दिया जाता।

कौन कौन सी राष्ट्रीय पार्टियाँ

कुल 6 पार्टियों को नेशनल पार्टी का दर्जा मिला हुआ है। इसमें भारतीय जनता पार्टी, इंडियन नेशनल कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्कसवादी), बहुजन समाज पार्टी, नेशनल पीपल्स पार्टी और आम आदमी पार्टी शामिल हैं। आप को जब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया था तब शरद पवार की एनसीपी और ममता बनर्जी की टीएमसी और सीपीआई से नेशनल पार्टी का दर्जा छीन लिया गया था।

(इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया)
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