कांग्रेस ने आयरलैंड में भारतीय दूत द्वारा की गई विवादित टिप्पणी की आलोचना की है। इसने मंगलवार को एक आयरिश दैनिक के संपादकीय का जवाब देते हुए आयरलैंड में भारतीय दूत द्वारा की गई आलोचना पर कड़ी आपत्ति जताई। पार्टी ने कहा कि पार्टी विशेषज्ञ की तरह खुलेआम विपक्षी दलों पर हमला करना अपमानजनक व्यवहार है। इसने राजदूत को बर्खास्त करने की मांग की है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भारतीय दूत के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है, 'भारत सरकार का बचाव करना एक बात है और इसकी अपेक्षा की जानी चाहिए। लेकिन एक पार्टी विशेषज्ञ की तरह इस तरह खुलेआम विपक्षी दलों पर हमला करना किसी राजदूत से अपेक्षित नहीं है, भले ही वह राजनीतिक नियुक्ति वाला ही क्यों न हो। यह उनका गैर-पेशेवर और अपमानजनक व्यवहार है।'
Defending the Government of India is one thing and is to be expected. But to attack Opposition parties openly in thus manner like a party apparatchik is not expected from an Ambassador even if he be a political appointment. This is unprofessional and disgraceful behaviour on his… https://t.co/t0YQSKZSLQ
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 16, 2024
बाद में उन्होंने एक अन्य ट्वीट कर कहा, 'मैं सुधारना चाहूँगा। यह राजदूत वास्तव में एक कैरियर राजनयिक है जिससे उनकी टिप्पणियाँ और भी शर्मनाक, अपमानजनक और पूरी तरह से अस्वीकार्य हो जाती हैं। उन्होंने वास्तव में सेवा नियमों का उल्लंघन किया है और उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।'
कांग्रेस नेता की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब द आइरिश टाइम्स को दी गई अपनी प्रतिक्रिया में भारतीय राजदूत अखिलेश मिश्रा ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दूतावास ने जो कहा वह बेहद पक्षपातपूर्ण और पूर्वाग्रह से ग्रसित संपादकीय था।
राजदूत ने पत्र में कांग्रेस पार्टी की तीखी आलोचना करते हुए विदेशी प्रेस के सामने मोदी का बचाव किया है।
इसने एनजीओ और विपक्षी दलों पर नकेल कसने का यह कहते हुए बचाव किया कि यह राजनेताओं, एनजीओ और मीडिया द्वारा भ्रष्टाचार और कर चोरी का घृणित, बहुस्तरीय जाल था।
मिश्रा आयरिश टाइम्स द्वारा भारत को '80 प्रतिशत हिंदू बहुसंख्यक' कहे जाने से भी नाखुश थे। उन्होंने कहा, यह काफ़ी भ्रामक था, क्योंकि हिंदू धर्म स्वाभाविक रूप से समावेशी और मौलिक रूप से बहुलवादी है। तथ्य यह है कि भाजपा 28 राज्यों में से केवल 12 में सत्ता में है। उन्होंने कहा कि यह केवल 'हिंदू बहुसंख्यक' भारत में ही हो सकता है।
अख़बार के संपादकीय में कहा गया था कि मोदी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विपक्षी दलों के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की। इसमें यह भी कहा गया कि मोदी ने विपक्षी सांसदों और नेताओं के खिलाफ राजनीतिक रूप से लक्षित भ्रष्टाचार और कर के सैकड़ों मामले दर्ज किए। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हालिया गिरफ्तारी और कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज करने का हवाला दिया गया है। इसने यह भी बताया कि 'उसके 95 प्रतिशत राजनीतिक मामले विपक्ष के खिलाफ दायर किए गए हैं'।
आयरिश टाइम्स ने मोदी पर 'मुस्लिम विरोधी तनाव और हिंसा को बढ़ावा देने और पारंपरिक नेहरू-प्रेरित धर्मनिरपेक्षता को गंभीर रूप से तबाह करने का आरोप लगाया है।
अपनी राय बतायें