कांग्रेस ने सोमवार शाम को कहा- आज हमने संसद में 267 के तहत अडानी का मुद्दा उठाया था। अडानी समूह पर Corruption, Bribery और Financial Irregularities के गंभीर आरोप हैं, उसके बारे में हम इस मुद्दे को सदन के समक्ष रखना चाहते थे।
क़रीब ₹2030 करोड़ की रिश्वत दी गई। जनता के पैसे का इस्तेमाल रिश्वत के लिए दिया गया, इसके बारे में हम देश को सदन के माध्यम से बताना चाहते थे और प्रधानमंत्री जी और उनके मंत्री परिषद के सामने हम ये मुद्दे रख रहे थे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- इसके पहले भी अडानी समूह पर स्टॉक मार्केट की हेराफेरी, वित्तीय धोखाधड़ी, Over Invoicing और फर्जी कंपनी खड़ी करने जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं।
जहाँ-जहाँ मोदी जी जाते हैं, जिस भी देश में जाते हैं, वहाँ-वहाँ अडानी को कॉन्ट्रैक्ट मिलते हैं, ऐसी बहुत लंबी लिस्ट है। इसीलिये हम चाहते थे कि इस पर सदन में चर्चा हो।
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कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सोमवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में अडानी घूस कांड का मुद्दा उठाना चाहा लेकिन लोकसभा में स्पीकर ने और राज्यसभा में सभापति ने इस मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं दी। संसद के दोनों सदन चंद मिनटों में स्थगित कर दिए गए। बाद में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने वीडियो बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि सदन में सिर्फ पॉजिटिव मुद्दे ही उठाए जा सकते हैं और नियमों के तहत चर्चा हो सकती है। यानी स्पीकर की नजर में अडानी घूस कांड पॉजिटिव मुद्दा नहीं है।
खड़गे ने एक्स पर लिखा- जहाँ-जहाँ मोदी जी जाते हैं, जिस भी देश में जाते हैं, वहाँ-वहाँ अडानी को कॉन्ट्रैक्ट मिलते हैं, ऐसी बहुत लंबी लिस्ट है। इसीलिये हम चाहते थे कि इस पर सदन में चर्चा हो। जिस चीज़ से देश का नुक्सान हो रहा है, जिसके चलते दुनिया का भरोसा हम से उठ सकता हो, उस वक्त ये चीज़े सदन में लाना ज़रूरी है। देश को बचाने के लिए हमने ये मुद्दा उठाया था।
उन्होंने कहा- मोदी जी आज "हुड़दंग" मचाने की बात कह रहे थे...
मोदी जी खुद ही जब जून 2015 में बांग्लादेश गए थे, वहाँ पर अडानी समूह को पॉवर प्रोजेक्ट मिला।
मलेशिया, इसराइल, सिंगापूर, श्रीलंका, नेपाल, तंज़ानिया, वियतनाम, ग्रीस, आदि में जहाँ-जहाँ मोदी जी गए, अडानी को प्रोजेक्ट मिले। केन्या ने तो जनता के दबाव में कॉन्ट्रैक्ट को अभी कैंसल कर दिया।
खड़गे ने कहा- बगैर मोदी जी के आशीर्वाद से कौन सा देश केवल अडानी को चुनेगा? मोदी जी के समर्थन से ये सब कुछ हो रहा है, इसका असर देश पर पड़ रहा है। ये मुद्दा हम उठाना चाहते थे। एक कंपनी के व्यापारिक हित को प्रमोट करने, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने, रिश्वत के भुगतान का जुगाड़ करने के केंद्र सरकार की पीएसयू सोलर एनर्जी पावर कॉरपोरेशन पर सवाल उठ रहे है। नियम 267 ऐसे ज़रूरी मुद्दे उठाने के लिए ही बना है।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने अंत में कहा- हम ये चाहते हैं कि एक संयुक्त संसदीय कमेटी (JPC) का गठन हो, जिसमें उनके पार्टी के लोग तो ज़्यादा ही होंगे।
JPC गठित करो, सच्चाई बाहर आने दो !
मोदी जी विदेशों में विपक्ष को टारगेट कर कहते हैं कि हम उनकी छवि ख़राब कर रहें हैं।
देश की छवि तो आप ख़राब कर रहें हैं, ऐसे भ्रष्टाचार और ठेकेदारी दिलाने के कारनामों से !
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