चीन लगातार हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इसने अब अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों के नाम बदल दिए हैं। इसको लेकर कांग्रेस ने सोमवार को मोदी सरकार पर हमला किया। पार्टी ने कहा है कि चीन ने कई भारतीय जगहों पर अवैध कब्जा कर लिया है और कई जगहों के नाम बदल रहा है, फिर भी मोदी सरकार चुप है।
कांग्रेस ने कहा, 'चीन ने एकबार फिर अरुणाचल प्रदेश की 30 और जगहों को नए नाम दिए हैं। लद्दाख के साथ ही अरुणाचल प्रदेश में चीन लगातार भारतीय जमीन पर कब्जा कर रहा है, जगहों के नाम बदल रहा है, लेकिन पीएम मोदी खामोश हैं।'
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
— Congress (@INCIndia) April 1, 2024
चीन ने एकबार फिर अरुणाचल प्रदेश की 30 और जगहों को नए नाम दिए हैं।
लद्दाख के साथ ही अरुणाचल प्रदेश में चीन लगातार भारतीय जमीन पर कब्जा कर रहा है, जगहों के नाम बदल रहा है, लेकिन PM मोदी खामोश हैं।
PM मोदी अपने ही सांसद तापीर गाव की बात…
कांग्रेस ने आरोप लगाया है, 'पीएम मोदी अपने ही सांसद तापीर गाव की बात नहीं सुनते, जिन्होंने कहा कि- अगर कहीं दूसरा डोकलाम होगा तो अरुणाचल प्रदेश में होगा, चीन ने भारतीय सीमा में 50 से 60 किलोमीटर तक कब्जा कर रखा है, चीन अरुणाचल प्रदेश में कब्जा करता है, मीडिया में कोई खबर नहीं आती है। चीन को ये हिम्मत पीएम मोदी की उस क्लीन चिट से मिली है, जिसमें उन्होंने कहा था- न कोई घुसा है, न कोई घुसा हुआ है।'
बता दें कि भारतीय राज्य पर अपने दावे को फिर से जोर देने के लिए हाल के हफ्तों में बीजिंग ने अपनी हरकत बढ़ा दी है।
भारत चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने को खारिज कर रहा है। इसने कहा है कि राज्य देश का अभिन्न अंग है और नये नाम देने से इस वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा।
चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने रविवार को रिपोर्ट दी है कि चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने ज़ंगनान में मानकीकृत भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की, जो अरुणाचल प्रदेश का चीनी नाम है, जिसे बीजिंग दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में दावा करता है।
चीनी मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट ने क्षेत्र के लिए 30 अतिरिक्त नाम पोस्ट किए। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 मई से प्रभावी होगा। चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने जांगनान में छह स्थानों के मानकीकृत नामों की पहली सूची 2017 में जारी की थी, जबकि 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गई थी, इसके बाद 2023 में 11 स्थानों के नामों के साथ एक और सूची जारी की गई थी।
राज्य पर अपना दावा फिर से जताने के लिए चीन के हालिया बयानों की शुरुआत बीजिंग द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर भारत के साथ राजनयिक विरोध दर्ज कराने से हुई। अपनी यात्रा में पीएम ने अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फीट की ऊंचाई पर बनी सेला सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया था।
यह सुरंग रणनीतिक रूप से स्थित तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और उम्मीद है कि इससे सीमांत क्षेत्र में सैनिकों की बेहतर आवाजाही सुनिश्चित होगी। चीनी विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने क्षेत्र पर चीन का दावा करने के लिए बयानों की झड़ी लगा दी है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 23 मार्च को अरुणाचल प्रदेश पर चीन के बार-बार के दावों को हास्यास्पद बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि यह सीमावर्ती राज्य भारत का स्वाभाविक हिस्सा है।
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