कांग्रेस में पिछले दिनों शामिल होने वाले बिहार के चर्चित नेता पप्पू यादव ने घोषणा की है कि वह पूर्णिया सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए आगामी 4 अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
पहले उन्होंने घोषणा की थी कि वह 2 अप्रैल को नामांकन पत्र इस सीट से दाखिल करेंगे लेकिन अब ताजा घोषणा में उन्होंने इसे दो दिन बढ़ाते हुए 4 अप्रैल की तिथि तय की है।
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक ट्विट कर लिखा है कि, देश भर में फैले पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के साथ मेरे जन नामांकन में शामिल होना चाहते हैं, उनकी सुविधा के लिए पूर्णिया की महान जनता द्वारा प्रस्तावित नामांकन तिथि 2 अप्रैल की जगह 4 अप्रैल हो गया है। आप सब इसमें शामिल हो, आशीष दें।
उन्होंने अपने इस ट्विट में राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव से भी अपील की है कि वे पूर्णिया सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दें। उन्होंने लालू प्रसाद यादव से अपील करते हुए लिखा है कि, बिहार में इंडिया गठबंधन के बड़े भाई राजद के प्रमुख आदरणीय लालू जी से पुनः आग्रह है कि वह गठबंधन हित में पूर्णिया सीट पर पुनर्विचार करें, कांग्रेस के लिए छोड़ दें!
बिहार में महागठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा हो चुका हैं। कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसकी घोषणा हो चुकी वहीं राजद 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सीटों के बंटवारे में पूर्णिया सीट राजद के खाते में गई हैं। यहां से राजद ने बीमा भारती को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है लेकिन इसी सीट पर हाल में कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके कारण इस सीट पर राजद और कांग्रेस के बीच मामला फंसता हुआ दिख रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने भले ही औपचारिक रूप से पूर्णिया सीट राजद को देने पर सहमति दे दी है लेकिन पप्पू यादव इसे मानने के लिए तैयार नहीं हैं। पप्पू यादव हर हाल में पूर्णिया सीट से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं।
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पप्पू यादव ने कहा, पूणिया सीट कांग्रेस को दे दीजिए
पप्पू यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से अपील करते हुए कहा है कि मैं भी आपका ही परिवार हूं। सिर्फ 4 बच्चों को अपनी फैमिली मत समझिए और पूणिया सीट कांग्रेस को दे दीजिए।पप्पू यादव ने कहा है कि पहले भी जब-जब लालू परिवार संकट में रहा है मैंने सिर्फ नैतिक रूप से ही नहीं बल्कि शारीरिक, आर्थिक और मानसिक रूप से हर तरह से उनके साथ खड़ा रहा हूं।
पप्पू यादव ने अपने ताजा बयान में कहा है कि हमने अपने नेता को अपनी भावना बता दी है। उनके निर्णय का हम इंतजार कर रहे हैं इसलिए हमने नामांकन पत्र दाखिल करने की तिथि 2 अप्रैल से बढ़ा कर 4 अप्रैल कर दी है। पप्पू यादव ने कहा है कि हमने अपने नेता के विश्वास और पूर्णिया की जनता के भरोसे पर नॉमिनेशन करने का फैसला किया है।
पप्पू यादव ने कहा है कि कुछ लोग मेरी पीठ में खंजर भोंकने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। बिना किसी कसूर के कुछ लोग मुझे मेरे ही घर से बेदखल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पूर्णिया से उनका रिश्ता जीवन और मौत का है। इस रिश्ते को कोई खत्म नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया की जनता मेरे लिए भगवान है।
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पूर्णिया सीट राजद छोड़ने वाली नहीं है
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि पूर्णिया सीट किसी भी हाल में राजद छोड़ने वाली नहीं है। राजद के रूख को देखते हुए लग रहा है कि कांग्रेस ने भी अब पूर्णिया सीट को लेकर जिद्द छोड़ दी है। यही कारण है कि बिहार में कांग्रेस के नेता अब कह रहे हैं कि इस सीट पर महागठबंधन या इंडिया गठबंधन से बीमा भारती ही उम्मीदवार हैं।बिहार में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता यह कहने के लिए भी तैयार नहीं है कि पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। वह कह रहे हैं कि सीटों के बंटवारे में जब यह सीट राजद के खाते में चली गई है तो इस पर बात करना ही बेकार है।
इसके बावजूद बड़ा सवाल है कि पप्पू यादव किस भरोसे उम्मीद लगाए बैठे हैं कि यह सीट कांग्रेस उन्हें लड़ने के लिए देगी और राजद अपना उम्मीदवार वापस ले लेगी। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि पप्पू यादव को अब भी भरोसा है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व हस्तक्षेप करेगा और लालू यादव को यह सीट कांग्रेस को देने के लिए मनाया जा सकता है। लालू यादव को मनाने के लिए पप्पू यादव लगातार कोशिश कर रहे हैं।
पहले पप्पू यादव को भरोसा था कि एक अप्रैल से पहले इसको लेकर उनके पक्ष में कोई फैसला हो जायेगा तब वह दो अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल कर देंगे। वहीं जब इस समय तक कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व इस पर कोई फैसला नहीं ले पाया और राजद ने भी अपना फैसला नहीं बदला तब उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल करने की तिथि को आगे बढ़ा कर 4 अप्रैल कर दिया है। उन्हें अब भी भरोसा है कि इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस का सिंबल उन्हें मिल जायेगा।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि पप्पू यादव चाह रहे हैं कि अगर राजद अपना उम्मीदवार वापस नहीं लेता है तब कांग्रेस इस सीट पर दोस्ताना लड़ाई के लिए भी उन्हें टिकट दे। वहीं सूत्रों का कहना है कि बिहार कांग्रेस में ही कई ऐसे नेता हैं जो नहीं चाहते कि पप्पू यादव को पूर्णिया से पार्टी का टिकट मिले।
पप्पू यादव पूर्णिया सीट से कांग्रेस का टिकट पाने के लिए ही पिछले दिनों कांग्रेस में शामिल हुए थे लेकिन अब उन्हें इस सीट से कांग्रेस का टिकट मिलता मुश्किल नजर आ रहा है। अब अगले तीन से चार दिनों में यह साफ हो जायेगा कि वह इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे या नहीं और राजद इस सीट से अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेगी या नहीं।
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