ग़ाज़ियाबाद में मुसलिम बुजुर्ग के साथ मारपीट और उनकी दाढ़ी काटने के मामले में किए गए ट्वीट को लेकर अब फ़िल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर, ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी और अन्य के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई गई है। इनके ख़िलाफ़ अभी तक एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है। इससे पहले इस मामले में ट्वीट को लेकर ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने ट्विटर और मोहम्मद ज़ुबैर, राणा अय्यूब जैसे पत्रकारों और कुछ कांग्रेस नेताओं के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। बुजुर्ग के साथ मारपीट की यह घटना 5 जून की है और इसका वीडियो कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल तसवीर को लेकर ही उन्होंने ट्वीट किए थे। प्राथमिकी में 'सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने' का आरोप लगाया गया है।
ऐसे ट्वीट को लेकर एफ़आईआर दर्ज किए जाने के एक दिन बाद ही एक वकील ने बुधवार को शिकायत दर्ज कराने के लिए दिल्ली पुलिस से संपर्क किया। शिकायतकर्ता का दावा है कि स्वरा भास्कर, पत्रकार आरफा खानम और आसिफ खान नाम के एक व्यक्ति ने अपने ट्विटर हैंडल से इस घटना को लेकर नागरिकों के बीच नफ़रत फैलाना शुरू किया। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि भारत में ट्विटर के प्रमुख मनीष माहेश्वरी ने इस तथ्य को जानकर भी इन झूठे ट्वीट् को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की।
घटना में पिटाई के शिकार हुए बुजुर्ग अब्दुल समद सैफ़ी का कहना था कि उनसे 'जय श्री राम' के नारे लगवाए गए और दाढ़ी काट दी गई थी। बुजुर्ग का यह वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने जाँच शुरू की।
पुलिस ने कहा है कि बुजुर्ग अब्दुल समद सैफ़ी की पिटाई के मामले में कई लोगों को गिरफ़्तार किया गया। बुजुर्ग ने कहा था कि वे कहीं जा रहे थे, इसी दौरान एक ऑटो वाले ने रास्ते में उन्हें ऑटो में बैठा लिया, उनका चेहरा रूमाल से ढककर जंगल में ले गए और एक कमरे में जमकर पीटा।
पुलिस का कहना है कि अब्दुल समद 5 मार्च को प्रवेश गुर्जर के लोनी स्थित घर पर गया था। उस दौरान प्रवेश के घर में कल्लू, पोली, आरिफ़, आदिल और मुशाहिद आ गए।
ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने दावा किया है कि अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है। मारपीट के मुख्य अभियुक्त प्रवेश गुर्जर और बाक़ी लोगों ने उनसे ताबीज बनवाया था।
पुलिस के अनुसार, लेकिन इस ताबीज से उनके परिवार पर उलटा असर हुआ और ग़ुस्से में आकर उन्होंने बुजुर्ग से मारपीट की। इनमें से प्रवेश गुर्जर, आदिल और कल्लू को गिरफ़्तार कर लिया गया है, बाक़ी की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। हालाँकि टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, बुजुर्ग के बेटे ने इससे इनकार किया है कि उसका परिवार ताबीज बनाने का काम करता है। उसने पुलिस के दावों को खारिज कर दिया और कहा था कि उसका परिवार बढ़ई का काम करता है।
इस मामले में जिनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है उनमें कांग्रेस नेताओं में सलमान निज़ामी, शमा मोहम्मद और मसकूर उस्मानी का नाम शामिल है। लेखिका और पत्रकार सबा नक़वी, मीडिया पोर्टल द वायर के ख़िलाफ़ भी एफ़आईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने यह एफ़आईआर दंगा भड़काने, नफ़रत फैलाने और धार्मिक भावनाओं को जबरन भड़काने व अन्य धाराओं के तहत दर्ज की है। यह एफ़आईआर मंगलवार रात को दर्ज की गई।
एफ़आईआर में कहा गया है कि इस तरह के झूठे ट्वीट्स सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश है और ऐसा करने वाले पत्रकारों और नेताओं ने सच जानने की कोशिश नहीं की और झूठी ख़बरें फैलाईं।
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