जब से नागरिकता संशोधन को संसद ने पास किया है और राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद यह क़ानून बना है तब से इसको सुप्रीम कोर्ट में लगातार चुनौती दी गई। राष्ट्रपति द्वारा 12 दिसंबर की रात को मंज़ूरी दिया गया यानी इसे क़ानून बने 40 दिन हो गए। पूरे देश भर में ज़बरदस्त हिंसा हुई। दो दर्जन से ज़्यादा लोगों की जानें गईं। अभी भी देश भर में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। नागरिकता क़ानून को संविधान विरोधी, भारत की धर्मनिरपेक्षता विरोधी, धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाला और लोगों को बाँटने वाला बताया जा रहा है और एक नज़र में ऐसा लगता भी है। यही कारण है कि इस क़ानून के ख़िलाफ़ 140 याचिकाएँ दायर की गईं। बुधवार को इन सब की सुनवाई हुई। और इतने दिन बाद भी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला यह रहा कि वह नागरिकता क़ानून पर फ़िलहाल रोक नहीं लगा सकता है। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और इसके लिए चार हफ़्ते का समय दे दिया है। यानी इस मामले में अब चार हफ़्ते बाद आगे की कार्यवाही होगी। कोर्ट में आगे की कार्यवाही जो होगी सो होगी, लेकिन पढ़िए अब तक इसकी कार्यवाही कैसी चली है।
नागरिकता क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट में ऐसे हुई सुनवाई, कब आएगा फ़ैसला?
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- 22 Jan, 2020
जब से नागरिकता संशोधन को संसद ने पास किया है और राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद यह क़ानून बना है तब से इसको सुप्रीम कोर्ट में लगातार चुनौती दी गई।
