क्या उत्तर प्रदेश और केंद्र की सरकारें नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ चलने वाले आन्दोलन के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) का हाथ होने की बात कह कर लोगों का ध्यान असली मुद्दे से हटाने की कोशिश कर रही है? क्या वह इस बहाने पुलिस ज़्यादती को उचित हराने की कोशिश कर रही है?