loader

गलवान घाटी के कुछ इलाक़ों से चीनी सेना पीछे हटी, भारतीय सैनिक भी वापस

चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कुछ इलाक़ों से अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी अग्रिम पंक्ति से कुछ सैनिकों को वापस बुला लिया है। 

इंडियन एक्सप्रेस ने एक ख़बर में कहा है कि गलवान घाटी में पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 (पीपी 14) से दोनों देशों के सैनिक पीछे हटने लगे हैं। हॉट स्प्रिंग्स सेक्टर के पीपी 15 और पीपी 17 से भी सैनिकों के पीछे हटने की संभावना है। 

कमांडर स्तर पर चली लंबी बातचीत में इस पर सहमति बनी थी कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिए दोनों सेनाएँ कुछ इलाक़ों से अपने कुछ सैनिकों को वापस बुला लेंगी ताकि विश्वास का माहौल बन सके। उसके बाद आगे की बातचीत होने पर भी रज़ामंदी हुई थी।  

बता दें कि उत्तरी कमान के 16वीं कोर के कमांडर लेफ़्टीनेंटल जनरल हरिंदर सिंह और चीनी सेना के दक्षिण शिनजियांग सैन्य ज़िले के कमांडर मेजर जनरल लिन लिउ के बीच 5 और 22 जून को बात हुई थी। 

दोनों पक्ष इस पर भी राज़ी हो गए थे कि जिन इलाक़ों को खाली किया जाए, वहाँ बनी ठोस संरचनाओं को भी हटा लिया जाए। यह तय हुआ था कि 5 जुलाई तक यह काम कर लिया जाएगा।
देश से और खबरें
इंडियन एक्सप्रेस ने भारतीय सेना के एक आला अफ़सर के हवाले से कहा कि, 

गलवान घाटी में चीनी कब्जे वाले इलाक़े में कुछ गतिविधियाँ देखी गईं, उन्होंने हाल फ़िलहाल जो ठोस संरचनाएँ बना ली थीं, उन्हें ख़ुद ध्वस्त कर दिया और इलाक़े को खाली कर दिया। चीनी सेना की कुछ गाड़ियाँ भी वापस जाती हुई दिखी हैं।


भारतीय सेना का एक उच्च पदस्थ अधिकारी

धीमी रफ़्तार

गलवान घाटी से सैनिकों को वापस बुलाने का काम बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। सेना के एक आला अफ़सर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘हमें नहीं पता की धीमी रफ़्तार जानबूझ कर रखी गयी है ख़राब मौसम की वजह से है। बीते तीन दिनों में वहाँ का मौसम अच्छा नहीं रहा है, गलवान नदी उफन रही है और हो सकता है कि इस वजह से दिक्क़त हो रही हो।’ 

पैंगोंग त्सो झील के किनारे के फिंगर 4 से फिंगर 8 तक के इलाक़े पर कोई प्रगति हुई है या नहीं, यह भी पता नहीं चल सका है। यह वह इलाक़ा है, जहाँ चीन ने कब्जा कर रखा है।
एक अधिकारी ने यह भी कहा कि डेपसांग में चिंता की बात है क्योंकि वहाँ जगह खाली करने में समय लगेगा। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें