भारत चीन सीमा तनाव के बीच चीन 10 हज़ार से ज़्यादा भारतीयों पर निगरानी क्यों कर रहा था? प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों से लेकर विपक्षी नेताओं तक। सैन्य प्रमुखों से लेकर वैज्ञानिकों और नौकरशाहों तक। जजों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, अभिनेताओं, खिलाड़ियों से लेकर धर्म गुरुओं तक। ऐसे लोगों के साथ ही उनके परिवार वालों और उनके क़रीबियों पर भी निगरानी क्यों? क्या इससे उसे सीमा विवाद में कोई फ़ायदा मिलेगा? वैज्ञानिकों, जजों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, अभिनेताओं, खिलाड़ियों, धर्म गुरुओं और उन सबके परिवार वालों की निगरानी से चीन को क्या फ़ायदा मिल सकता है? यही वह सवाल है जिससे पता चलता है कि चीन का एक व्यापक मक़सद है। सीमा विवाद से परे। सीमा विवाद जैसे मसले शायद इसके लिए उतने मायने नहीं रखते हैं। फिर उसका मक़सद क्या है?