हरिवंश ने अतीत की मिसालों का हवाला देते हुए कहा कि संवेदनशील मुद्दों पर स्पष्टीकरण की अनुमति नहीं दी जा सकती। संसद में विरोध के बाद, कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट किया।
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हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर देश के साथ हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहेंगे। लेकिन मोदी सरकार को अप्रैल 2020 से एलएसी के पास सभी बिंदुओं पर चीनी अतिक्रमण और निर्माण के बारे में ईमानदार होना चाहिए।
- मल्लिकार्जुन ख़ड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष 13 दिसंबर को
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पीएम राजनीतिक नेतृत्व दिखाने में नाकाम रहे हैं। झड़प 9 दिसंबर को हुई थी और आप आज बयान दे रहे हैं। अगर मीडिया ने रिपोर्ट नहीं की होती तो आप नहीं बोलते।
-असदुद्दीन ओवैसी, अध्यक्ष एआईएमआईएम, 13 दिसंबर
"सरकार सच नहीं बता रही है, PM को इसपर संसद में चर्चा करनी चाहिए"
— News24 (@news24tvchannel) December 13, 2022
◆ तवांग में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प पर @asadowaisi #Tawang | #ArunachalPradesh | अरुणाचल प्रदेश pic.twitter.com/hpfRaknmTI
अमित शाह क्या बोले
अमित शाह ने कांग्रेस के आज के विरोध पर अलग ही बात कही। गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर सदन की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाते हुए कहा, क्योंकि राजीव गांधी फाउंडेशन पर एक सवाल आज के लिए सूचीबद्ध था। जिस पर कांग्रेस चर्चा नहीं चाहती थी। दुर्भाग्य से कांग्रेस ने यह कहे जाने के बाद भी प्रश्नकाल बाधित किया कि रक्षा मंत्री इस मुद्दे पर बयान देंगे। मैंने प्रश्नकाल की सूची देखी और प्रश्न संख्या 5 देखने के बाद मैं (कांग्रेस की) चिंता को समझ गया। कांग्रेस के एक सदस्य ने यह पूछा था। हमारे पास जवाब तैयार था। लेकिन उन्होंने सदन को बाधित किया। हालांकि खड़गे ने इसका भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि चीन पर चर्चा नहीं होने देने पर हमारे बहिष्कार का उस सवाल से कोई संबंध नहीं है। सरकार चर्चा कराकर देखती तो सही। अगर हमारी कोई गलती है तो हमें फांसी पर लटका दो।राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-6 और 2006-7 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1 करोड़ 35 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ था,जो FCRA कानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था। इस पर नोटिस देकर पूर्णतया कानूनी प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए गृह मंत्रालय ने इसका रजिस्ट्रेशन रद्द किया। pic.twitter.com/lPl8HvvwLd
— Dr. Anil Jain (@aniljaindr) December 13, 2022
सीपीआई का बयान
भाकपा इस पर लगातार कहती रही है कि सीमा विवाद सुलझाए जाने चाहिए। सैन्य तरीका रास्ता नहीं है। भारत-चीन परंपरागत रूप से अच्छे मित्र रहे हैं। वे मिल सकते हैं, बातचीत शुरू कर सकते हैं और बातचीत के जरिए इसे सुलझाया जा सकता है। लेकिन भारत की मिट्टी का एक-एक इंच हम भारतीयों के लिए अनमोल है।
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