'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय इसरो से संपर्क टूट गया और जब सपंर्क टूटा तब लैंडर चांद की सतह से सिर्फ़ 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लैंडर का नाम ‘विक्रम’ क्यों रखा गया। आइए, आपको बताते हैं।