तमिलनाडु में 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव से चार दिन पहले डीएमके नेता एम के स्टालिन के रिश्तेदार के घर आयकर छापे ने फिर से एक विवाद को जन्म दिया। आरोप लगे कि चुनाव में फायदे के लिए केंद्र के इशारे पर यह कार्रवाई की गई है। कई नेताओं के अलावा डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन ने भी ये आरोप लगाए। वैसे, यह कोई पहली बार नहीं है कि ऐसे आरोप लगे हैं। चाहे लोकसभा चुनाव हों या राज्यों में विधानसभा के चुनाव, केंद्रीय एजेंसियों- ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग द्वारा विपक्षी दलों के नेताओं पर कार्रवाई के बाद से सवाल उठते रहे हैं। ये एजेंसियाँ इन आरोपों को खारिज भी करती रही हैं। बीजेपी तो आरोपों को नकारती ही रही है। तो फिर विपक्षी दलों के इन आरोपों में कितना दम है?