मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को जब नोटबंदी का एलान किया था तो इसके कई संभावित फ़ायदों के साथ ही यह भी कहा था कि इससे देश ‘कैशलेस इकॉनमी’ बनेगा। यानी कि लोग नक़दी से चीजें ख़रीदना कम करेंगे और डिजिटल ट्रांजेक्शन ज़्यादा करेंगे। लेकिन जो ताज़ा आंकड़े आए हैं, उनसे पता चलता है कि ‘कैशलेस इकॉनमी’ वाली बात धड़ाम हो गई है।