महुआ को पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से फिर सांसद चुना गया है। पिछले साल उन्हें 'कैश-फॉर-क्वेरी' विवाद के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उन्होंने गुरुवार को महिला आयोग प्रमुख के हाथरस दौरे के वीडियो को लेकर प्रतिक्रिया में टिप्पणी की थी। हाथरस भगदड़ में 121 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश महिलाएं थीं।
वीडियो में किसी को रेखा शर्मा के ऊपर छाता पकड़ते हुए और चलते हुए दिखाया गया था। महुआ मोइत्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में "पाजामा" शब्द का संदर्भ दिया था, जिससे विवाद खड़ा हो गया था। बाद में महुआ ने पोस्ट हटा दी। रेखा शर्मा की शिकायत पर पुलिस ने महुआ से इसके बारे में जानकारी मांगी है। दरअसल रेखा शर्मा इस बात पर ज्यादा नाराज हैं कि किसी सेवक द्वारा उनके लिए इस तरह छाता लेकर चलना जनता की नजरों में आ गया और उसे अच्छा नहीं माना गया। महुआ मोइत्रा अकेली नेता हैं, जिन्होंने इस पर टिप्पणी भी कर दी। महुआ के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इस बारे में लिखा और यह भी पूछा कि रेखा शर्मा ने हाथरस पहुंचकर क्या किया।
#UttarPradesh l National Commission for Women (NCW) chief Rekha Sharma visits the site of #HathrasStampede incident. Reportedly, 121 people died & 28 people got injured in a stampede during a #Satsang organised in #Hathras.#Hathrasstamped #HathrasSatsangAccident #HathrasNews pic.twitter.com/04GzohVUL4
— Lokmat Times Nagpur (@LokmatTimes_ngp) July 3, 2024
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने शुक्रवार को महुआ की टिप्पणी पर संज्ञान लिया था और महुआ के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। लेकिन तृणमूल सांसद आक्रामक बनी रहीं। एक्स पर राष्ट्रीय महिला आयोग की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने दिल्ली पुलिस को तत्काल कार्रवाई करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए टैग किया। यहां तक कि उन्होंने यह भी बताया था कि वह उस समय पश्चिम बंगाल के नादिया में थीं।
महुआ ने रेखा शर्मा के पहले के पोस्ट को शेयर किया था। जिसमें रेखा शर्मा ने पहले के ट्वीट्स में आरजेडी प्रमुख लालू यादव और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को मूर्ख लिखा था। "सुहाग रात" के संदर्भ में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मजाक किया। महुआ मोइत्रा ने दिल्ली पुलिस से पूछा भी था कि क्या वो इस तरह की टिप्पणियों के लिए "सीरियल अपराधी" के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
तृणमूल नेता को उनके खिलाफ कथित 'सवालों के बदले पैसा' लेने के आरोपों पर आचार समिति की रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल दिसंबर में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उन पर संसद में नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करने वाले सवाल पूछने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से ₹ 2 करोड़ कैश और "लग्जरी गिफ्ट" सहित रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। एजेंसियां उस मामले की भी जांच कर रही हैं।
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