ट्रंप के ट्वीट पर बवाल!
दरअसल सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म वॉट्सऐप पर एक मैसेज वायरल हो गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप यह कहते हुए दिखते हैं कि उन्होंने अमेरिकी फूड्स एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफ़डीए) से कहा है कि वह कोरोना के इलाज के लिए क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल की अनुमति जल्दी से दे दे।एफ़डीए की ओर से यह इनकार ज़रूरी इसलिए है कि अब तक ऐसा कोई प्रयोग नहीं हुआ है जिससे यह साबित होता हो कि क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से कोरोना ठीक हो सकता है।
क्लोरोक्वीन पर प्रयोग
फ़्रांस में एक छोटे समूह में हुए प्रयोग के बाद स्पेसएक्स कंपनी के प्रमुख एलन मस्क ने ट्वीट किया कि कोरोना के इलाज में क्लोरोक्वीन पर विचार किया जा सकता है। फ्रांस में 20 लोगों के एक समूह पर क्लोरोक्वीन का प्रयोग किया गया।लेकिन शोधकर्ताओं ने ख़ुद कहा है कि उन्होंने इतने कम लोगों पर यह प्रयोग किया है कि उसके नतीजे को भरोसेमंद नहीं माना जा सकता है।
डब्लूएचओ की मुहर नहीं
इस प्रयोग को पाइलट तो माना जा सकता है, पर इसके नतीजे को अंतिम नहीं माना जा सकता है। एफ़डीए ने इसे सही नहीं माना। इसी तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है।पेरू में सदियों पहले इस्तेमाल
पर दिल्ली में ठीक इसका उल्टा हुआ। दिल्ली में लोग दवा दुकानों पर टूट पड़े और बड़ी मात्राा में क्लोरोक्वीन खरीद लिया। दरअसल क्लोरोक्वीन का इस्तेमाल सदियों पहले लातिन अमेरिकी देश पेरू में बुखार ठीक करने के लिए किया जाता था।दिल्ली और दूसरी जगहों से जो लोग यह दवा खरीद ले गए, उनके ऊपर इसका क्या असर पड़ा, यह पता चल जाए तो बड़ी बात है।
पर फिलहाल, क्लोरोक्वीन को कोरोना की दवा न माना जाए और इसका इस्तेमाल आप न करें।
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