केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को डेटा संरक्षण विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है। अब इस विधेयक के संसद के मानसून सत्र में पेश किए जाने का रास्ता साफ़ हो गया है। यदि यह विधेयक क़ानून बन जाता है तो भारत में सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन डेटा इसके क़ानूनी डोमेन के अंतर्गत आएंगे।
डेटा संरक्षण विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी, अब संसद में पेश होगा
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- 6 Jul, 2023
डेटा संरक्षण विधेयक आख़िर इतना ज़रूरी क्यों है और इसको केंद्रीय मंत्रिमंडल आख़िर किस रूप में पेश कर रही है? जानें यह किस रूप में आएगा।

हालाँकि, इस बिल के तहत व्यक्तिगत डेटा को तभी प्रक्रिया में लाया जा सकता है जब किसी व्यक्ति ने इसके लिए सहमति दी हो। लेकिन, उस मामले में कुछ अपवाद भी हैं जब सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के आधार पर डेटा की आवश्यकता हो सकती है। यह विधेयक तेजी से बढ़ते डिजिटल तंत्र के लिए रूपरेखा प्रदान करने के लिए आईटी और दूरसंचार क्षेत्रों में प्रस्तावित चार कानूनों में से एक है।