loader
खरगौन में दंगे के बाद की कार्रवाई का का फाइल फोटो

बुलडोजर मामाः क्या एकतरफा कार्रवाई कर रही शिवराज सरकार?

मध्य प्रदेश के खरगोन में दंगों, और बड़वानी में सांप्रदायिक उपद्रव के बाद कार्रवाई को लेकर शिवराज सिंह चौहान सरकार लगातार कठघरे में है। खरगोन के अलावा बड़वानी में तो उपद्रवियों के नाम पर ऐसे लोगों पर एफआईआर कर घरों पर बुलडोजर चलाने के आरोप लगे हैं जो दंगे के समय जेल में थे।

खरगोन से जुड़ी ‘सत्य हिंदी’ की अब तक की पड़ताल के अनुसार उत्पात को लेकर ‘चिन्हित’ किए गए ‘दंगाइयों’ में 50 के घर गिरा दिए गए हैं। गिराये गये 50 घरों में 45 घर मुस्लिमों के हैं। 

राज्य पुलिस आंकड़े नहीं दे रही है। मीडिया से खुलकर बात भी नहीं कर रही है।

ताजा ख़बरें

खरगोन में घरों पर बुलडोजर चलाते वक्त सरकारी मशीनरी, प्रधानमंत्री आवास योजना से बने घर को गिराने में भी पीछे नहीं रही है। कई निर्दोषों के घर गिराने के आरोप खरगोन में लगे हैं।

उधर बड़वानी में उपद्रव के बाद सरकारी बुलडोज़र चलाये जाने से जुड़ी पड़ताल में यह भी सामने आया है, तीन ऐसे लोगों पर एफआईआर कर ली गई जो जेल में थे। 

एफ़आईआर के अलावा इन लोगों के घर तोड़ दिये गये। क़रीब डेढ़ माह से जेल में बंद लोगों पर एफ़आईआर और इनके घरों को तोड़ देने को लेकर सवाल उठाया गया है, जेल में बंद व्यक्ति दंगा कैसे कर सकता है?

बड़वानी के शहबाज़, फकरू और रऊफ 5 मार्च से हत्या के आरोप से जुड़े मामले में जेल में बंद हैं। इन तीनों पर शहर में 10 अप्रैल को हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद दो मोटरसाइकिलों को आग लगाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में चौंकाने वाला तथ्य यह रहा है कि एसपी बड़वानी ने 11 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन तीनों को पकड़ने की जानकारी दी थी। बावजूद इसके पुलिस ने तीनों को सांप्रदायिक हिंसा का आरोपी बनाकर मामला दर्ज कर लिया।

गलत एफआईआर और निर्दोषों का घर तोड़ डालने मामला उजागर होने के बाद पुलिस बचाव की मुद्रा में हैं। गोलमोल जवाब अब बड़वानी पुलिस दे रही है।

अब पुलिस कह रही है, ‘हम मामले की जांच करेंगे। विवेचना में जेल अधीक्षक से जानकारी लेंगे, अभी जो मामला दर्ज किया गया है - वो फरियादी के आरोपों के आधार पर दर्ज किया गया है।’ 

मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक दिनेश गुप्ता ने ‘सत्य हिंदी’ से कहा, ‘सचमुच, खरगोन-बड़वानी में पुलिस की कार्रवाई कई सवाल खड़े कर रही है!’

वे आगे कहते हैं, ‘पीएम आवास योजना में बना घर तोड़ देना भी सवाल पैदा कर रहा है, एक अपराधी को यह आवास आख़िर स्वीकृत हुआ कैसे? स्वीकृत करने वालों पर सरकार एक्शन लेगी?’

भोपाल में शहर काजी की अगुआई में उलेमाओं के एक दल ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाक़ात कर साफ कहा है, ‘खरगोन-बड़वानी में दंगे के नाम पर केवल और केवल, चुन-चुनकर मुस्लिम परिवारों को परेशान किया गया है। उनके मकान ढहाए गये हैं।’

राज्य सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से सवाल हुआ है, बुलडोज़र आईपीसी की किस धारा में चल रहा है? चलाया जा रहा है? इन सवालों के जवाब में मिश्रा का यही जवाब रहा है, ‘कार्रवाई कानून के दायरे में की जा रही है। उत्पात मचाने/शांति- सौहार्द को बिगाड़ने में लिप्त अपराधियों के अतिक्रमण हटाये जा रहे हैं।’ 

मप्र कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख के.के. मिश्रा का कहना है, ‘भोपाल से लेकर मध्य प्रदेश और देश भर में राजधर्म का पालन नहीं हो रहा है। दंगाइयों और वैमनस्यता फैलाने वालों पर कार्रवाई को लेकर किसी को कोई गुरेज़-परहेज़ नहीं, लेकिन एकतरफा कार्रवाइयां राज्य एवं देश को अनुचित मार्ग की ओर ले जा रही हैं।

देश से और खबरें

इधर मप्र बीजेपी के नेता और राज्य मीडिया सेल के पूर्व प्रमुख गोविंद मालू इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर रहे हैं कि खरगोन-बड़वानी में एकतरफा कार्रवाई हो रही है।

मालू ने कहा, ‘पूरी तसदीक़ और पहचान के बाद दंगाइयों पर एक्शन हो रहा है। बुलडोजर भी सरकार क़ानून के दायरे में रहकर ही चला रही है।’ मालू ने कहा, ‘राष्ट्रवाद का स्मरण कराना, उसकी रक्षा के लिये प्रयास गलत नहीं है।’

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें