भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को नाबालिग महिला पहलवान से यौन शोषण मामले में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में नाबालिग पहलवान और उसके पिता ने कहा है कि दिल्ली पुलिस की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
उन्होंने कहा कि वे जांच से संतुष्ट हैं और इस रिपोर्ट का वह विरोध नहीं कर रहे। सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि कोर्ट ने 6 सितंबर के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसी दिन कोर्ट केस को रद्द किए जाने पर अपना फैसला सुनाएगा।
नाबालिग पहलवान अपने बयान से पलट गई थी
पूर्व में नाबालिग महिला पहलवान की शिकायत के बाद पॉस्को की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। उसने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। बाद में उसने बृजभूषण पर लगाए गए आरोपों को वापस ले लिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने 15 जून को कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि उसके द्वारा की गई जांच में यौन शोषण के साक्ष्य नहीं मिले हैं इसलिए इस केस को बंद कर रहे हैं।
कोर्ट ने पूछी थी ब्यान बदलने की वजह
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर एक महीने पहले सुनवाई हुई थी। इसमें कोर्ट ने नाबालिग पहलवान और उसके पिता को नोटिस जारी कर अपना बयान बदलने का कारण पूछा था। कोर्ट ने एक अगस्त तक उनसे जवाब मांगा था। नाबालिग पहलवान ने कोर्ट में अपना बयान बदलते हुए कहा था कि उसके साथ यौन शोषण नहीं हुआ था बल्कि उसके साथ भेदभाव हुआ था। बयान बदलते हुए कहा था कि उसने झूठी शिकायत दी थी। उसके बयान बदलने के बाद ही दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में 550 पन्नों की कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की थी।
बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों ने किया था आंदोलन
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सात महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसमें 6 पहलवान बालिग और एक पहलवान नाबालिग थी। इन पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को दो केस दर्ज किए थे। पहले केस को 6 महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज किया गया था। वहीं दूसरा केस इसी एक नाबालिग पहलवान की शिकायत पर दर्ज किया गया था ।
एफआईआर दर्ज किए जाने बाद भी ब्रजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित होकर बड़ी संख्या में महिला और पुरुष पहलवानों ने जंतर-मंतर पर आंदोलन किया था। तीन मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच यहां पर झड़प हो गई थी जिसकी देश भर में चर्चा हुई।
फिर 28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत करने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। तब पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें वहीं से हटा दिया। इससे नाराज पहलवानों ने 29 मई को मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन करने की बात कही थी। इसके अगले दिन 30 मई को पहलवान हरिद्वार में हर की पौड़ी में मेडल बहाने गए थे लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें मना कर ऐसा करने से रोक दिया था।
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