loader

ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने रामायण, हनुमान का ज़िक्र कर भारत से माँगी दवाइयाँ

मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जो हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा भारत और अमेरिका में सुर्खियों में रही उसी दवा की माँग अब ब्राज़ील के राष्ट्रपति जईर बोसोनारो ने भी की है। बोसोनारो ने प्रधानमंत्री मोदी से दवा के निर्यात करने के लिए आग्रह किया है। उन्होंने इसके लिए आग्रह करते हुए रामायण और हनुमान का विशेषकर ज़िक्र किया है। 

कोरोना का इलाज फ़िलहाल नहीं ढूँढा जा सका है और कई लोग मानते हैं कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली यह दवा कोरोना वायरस मरीजों को फ़ायदा पहुँचा रही है। इसी कारण दुनिया भर के देशों में इसकी माँग है। इस दवा को अमेरिका सहित क़रीब 30 देश भारत से आयात करना चाहते हैं। ब्रज़ील भी उनमें से एक है। 

ताज़ा ख़बरें

बोसोनारो ने दवा निर्यात करने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है, 'जिस तरह भगवान राम के भाई लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए भगवान हनुमान हिमालय से पवित्र औषधि लाए थे,  उसी तरह से यीशु ने बीमार लोगों को ठीक कर दिया था..., भारत और ब्राजील सभी लोगों की खातिर अपनी शक्तियों और वरदानों को साझा कर इस वैश्विक संकट से पार पा लेंगे।' इस बीच प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बोसोनारो के बीच कोरोना वायरस महामारी को लेकर बातचीत भी हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि दोनों नेताओं के बीच अच्छी बातचीत हुई है।

बता दें कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन अमेरिका को सप्लाई नहीं करने पर ट्रंप ने दो दिन पहले ही भारत को चेतावनी दी थी। उन्होंने सोमवार को पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था, 'भारत अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों का फ़ायदा उठाता आया है। मुझे नहीं लगता है कि मोदी बदले की कार्रवाई के तहत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगाएँगे। लेकिन यदि भारत ने अमेरिका को क्लोरोक्वीन दवा नहीं दी तो हम भी उसके ख़िलाफ़ बदले की कार्रवाई करेंगे।’ हालाँकि इस बीच भारत ने अमेरिका को दवा की सप्लाई देने को हरी झंडी दे दी तो अब वही ट्रंप तारीफ़ कर रहे हैं। 

देश से और ख़बरें
कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए दुनिया के हर देश तैयारी में जुटे हैं और भारत भी इसी तैयारी में है। इसीलिए भारत ने इन दवाओं के विदेश में निर्यात पर पाबंदी लगा रखी है क्योंकि भारत की इतनी बड़ी आबादी को देखते हुए देश में भी इन दवाओं की काफ़ी ज़्यादा ज़रूरत होगी। भारत में मलेरिया की दवाएँ ज़्यादा बनती हैं क्योंकि दुनिया में सबसे ज़्यादा लोग भारत में ही मलेरिया से प्रभावित होते हैं। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें