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संसद परिसर में गुरुवार को प्रदर्शन करते विपक्षी सांसद

धनखड़ को चीयरलीडर कहे जाने पर भाजपा का हंगामा, अडानी पर संसद के बाहर प्रदर्शन

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ भाजपा का गुस्सा साफ दिखा। हालांकि उसने बहाना कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की धनखड़ पर टिप्पणियों को बनाया। साथ ही संसद के दोनों सदनों में जॉर्ज सोरोस का कथित संबंध कांग्रेस नेताओं से बताते हुए भाजपा ने लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा किया। इससे सदन को स्थगित करना पड़ा। हालांकि भाजपा सोरोस से अपनी पार्टी के संबंधों के आरोपों पर चुप है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने संसद परिसर में सोरोस और सोनिया गांधी का पोस्टर लहराया।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सदन में कहा कि कांग्रेस के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ने राज्यसभा सभापति को "चीयरलीडर" कहा है। उन्होंने कहा, "लोग संवैधानिक पद को अपमानित करने के इस विकृत प्रयास को माफ नहीं करेंगे। आप लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मूल्यों के बारे में चिंतित हैं। यह वही संसद है जहां आपके वरिष्ठ नेता ने आपकी नकल का वीडियो शूट किया था।"  नड्डा विपक्षी सांसदों के सामूहिक निलंबन के बाद तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा धनखड़ की नकल का जिक्र कर रहे थे। 
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नड्डा ने सभापति का बचाव करते हुए कहा, "सभापति के फैसले पर सदन में सवाल नहीं उठाया जा सकता है या आलोचना नहीं की जा सकती है। ऐसा करना सदन या सभापति की अवमानना ​​है।" भाजपा प्रमुख ने कहा, "कल (बुधवार) विपक्ष के नेता खड़गे जी, एक वरिष्ठ नेता, ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यसभा अध्यक्ष की आलोचना की। यह आपत्तिजनक और निंदनीय है। यह एक गलत मिसाल कायम करता है। हम इसकी जितनी निंदा करें, उतनी कम है।" हालांकि खड़गे ने सभापति धनखड़ की आलोचना इस बात पर की थी कि वो भाजपा प्रवक्ता और स्कूल हेड मास्टर की तरह सदन को चला रहे हैं। धनखड़ पर विपक्ष का आरोप है कि वो सत्ता पक्ष को हर गैरजरूरी विषय उठाने देते हैं लेकिन विपक्ष की आवाज को दबा रहे हैं।

इस बीच, अमेरिकी अदालत में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी मामले में अडानी को दोषी ठहराने पर संसद परिसर में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का अनोखा विरोध प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा। विपक्षी सांसदों ने "देश बिकने नहीं देंगे" लिखी तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया और अडानी समूह के लेनदेन की संयुक्त संसदीय जांच की मांग करते हुए नारे लगाए।

(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)
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क़मर वहीद नक़वी
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