बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह की ताकत अंदाजा उनके खिलाफ जांच बैठने के बाद ही हो गया। यह विवादित शख्स आज 21 जनवरी शनिवार को गोंडा के खेल इवेंट में बतौर मुख्य अतिथि नजर आया। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक नेशनल ओपेन सीनियर रैंकिंग रेसलिंग टूर्नामेंट आज शनिवार से गोंडा में शुरू हुआ है। गोंडा बीजेपी सांसद का गृह नगर है। इसलिए यह इवेंट गोंडा में ही रखा गया था। आयोजनकर्ताओं ने साफ कर दिया कि ब्रजभूषण शरण सिंह इस कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष नहीं, अतिथि के तौर पर आए हैं। हालांकि यह बयान कुल मिलाकर खानापूरी वाला ही है।
बीजेपी सांसद सिंह कुछ स्थानीय बीजेपी विधायकों और डब्ल्यूएफआई के पदाधिकारियों के साथ मंच पर थे और टूर्नामेंट की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे थे। ब्रजभूषण शरण सिंह दिल्ली में हुई घटनाओं की से लगभग अप्रभावित लग रहे थे। वो जाहिर तौर पर संकेत दे रहे थे कि वो कथित रूप से परेशान नहीं हैं।
देश की नामी महिला पहलवानों ने ब्रजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। महिला एथलीटों ने दो दिन तक जंतरमंतर पर धरना दिया लेकिन शुक्रवार देर रात उन्हें समझा बुझाकर धरना खत्म करा दिया गया। इस मौके पर घोषणा की गई कि भारतीय ओलंपिक संगठन की सात सदस्यीय समिति महिला पहलवानों के आरोपों की जांच करेगी और एक महीने में रिपोर्ट देगी लेकिन तब तक ब्रजभूषण शरण सिंह अपने पद से बेदखल रहेंगे। यानी वे अध्यक्ष तो बने रहेंगे लेकिन बतौर अध्यक्ष कुश्ती महासंघ का कामकाज नहीं देख पाएंगे।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा की गई इस घोषणा को पूरे 12 घंटे भी नहीं बीते थे कि ब्रजभूषण शरण सिंह शनिवार सुबह को रेसलिंग इवेंट में नजर आए। अधिकारी उन्हें चीफ गेस्ट की तरह ही महत्व दे रहे थे। ब्रजभूषण शरण सिंह पहले 20 जनवरी को सारे मुद्दे पर कुछ कहने वाले थे। फिर इसे 21 जनवरी किया गया लेकिन अब वो 22 जनवरी को अयोध्या में इस मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे। अयोध्या में भारतीय कुश्ती महासंघ की वार्षिक आम बैठक बुलाई गई है। वहीं पर वो अपनी बात मीडिया के सामने रखेंगे।
ब्रज भूषण पर नकेल कसना आसान नहींः एक बीजेपी नेता ने बताया कि ब्रजभूषण शरण सिंह मूल रूप से बीजेपी कार्यकर्ता नहीं हैं...वह पार्टी काडर से संबंधित नहीं हैं...गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती और अयोध्या जिलों में उनका अपना जनाधार है और वह चुनाव जीतने के लिए हम पर निर्भर नहीं हैं।
संयोग से सिंह, जो वर्तमान में बहराइच जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद हैं, ने पहले बलरामपुर और गोंडा लोकसभा सीटों का भी प्रतिनिधित्व किया था। 1996 में जब वे टाडा के तहत जेल में थे तब उन्होंने अपनी पत्नी केतकी सिंह को भी लोकसभा के लिए निर्वाचित करवाया था। उनके पुत्र प्रतीक वर्धन सिंह भी विधायक हैं।
बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि सिंह उस तरह के व्यक्ति नहीं है जिनके खिलाफ पार्टी कोई कार्रवाई कर सके। क्योंकि वो पहले अन्य दलों के साथ थे और दबाव बढ़ने पर वो बीजेपी को धोखा देने में संकोच नहीं करेंगे। ऐसे में पार्टी के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करना और भी कठिन हो गया। बीजेपी नेता ने कहा, अगला लोकसभा चुनाव बहुत दूर नहीं है और हम उनके (सिंह) जैसे नेता को खोने का जोखिम नहीं उठा सकते।
कुश्ती महासंघ ने पत्र लिखाभारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर जोर देकर कहा है कि दिल्ली के जंतर मंतर पर महिला पहलवान प्रदर्शनकारियों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने "निजी हित में या अनुचित दबाव में या किसी बड़ी साजिश के तहत स्पष्ट रूप से काम किया है।" इसके तहत कुश्ती महासंघ प्रमुख को बदनाम किया जा रहा है। महासंघ ने विरोध प्रदर्शन के समय पर भी सवाल उठाया है। उसने कहा कि यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि WFI का अगला चुनाव वर्ष 2023 में होने वाला है। उसी के मद्देनजर महिला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का इस्तेमाल किया गया।
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