बीजेपी ने ब्रिटेन में भारतीय लोकतंत्र पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर हमला तेज कर दिया है। बीजेपी ने सदन में माफी नहीं मांगने पर राहुल को लोकसभा से निलंबित कराने की पहल शुरू की है। राहुल को सदन से निलंबित करने की संभावना तलाशने के लिए बीजेपी ने लोकसभा स्पीकर से संपर्क कर एक विशेष समिति बनाने की मांग की है।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे लोकसभा स्पीकर से मुलाक़ात कर इस मामले में कार्रवाई के लिए प्रयास में जुटे हैं। उनकी पार्टी का तर्क है कि राहुल ने ब्रिटेन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में अपनी टिप्पणी से संसद, लोकतंत्र और देश के संस्थानों का अपमान किया है। सांसद दुबे ने कहा है कि इस मामले में विशेष कमेटी बनायी जाए जिसे राहुल की लोकसभा सदस्यता को निलंबित करने में मदद करनी चाहिए।
तो यह विशेष कमेटी कैसी होगी? इसको लेकर भी निशिकांत दुबे ने साफ़ किया है। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि निशिकांत दुबे ने 2005 की विशेष समिति का ज़िक्र किया है, जिसने संसद में 'सवाल पूछने के बदले नकदी लेने' के मामले की जाँच की थी और 11 सांसदों की सदस्यता समाप्त कर दी थी। दुबे ने कहा कि तब समिति ने कहा था कि उन्होंने संसद की गरिमा को ठेस पहुँचाई है और उसके फ़ैसले को उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यूरोप और अमेरिका में अपनी टिप्पणियों से संसद और देश की गरिमा को लगातार धूमिल किया है और इसलिए उन्हें संसद से 'निष्कासित' करने का समय आ गया है।
यदि एक विशेष समिति का गठन किया जाता है तो बीजेपी के पास लोकसभा में उसकी ताकत को देखते हुए बहुमत होगा। एक विशेष समिति आमतौर पर एक महीने में अपनी रिपोर्ट देती है। इसका मतलब है कि यदि राहुल गांधी को निष्कासित करने के लिए विशेष समिति गठित की जाती है और बीजेपी चाहेगी तो राहुल सदन से निलंबित हो सकते हैं।
बीजेपी राहुल के बयान को देश विरोधी बयान बता रही है। वह आरोप लगा रही है कि 'राहुल अमेरिका और ब्रिटेन से भारत में दखल देने की मांग कर रहे हैं'। कांग्रेस नेता की टिप्पणी को लेकर उनसे बीजेपी माफ़ी की मांग कर रही है।
केंद्रीय क़ानून मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को कहा है, 'बीजेपी राहुल गांधी के मुद्दे को बहुत गंभीर मानती है और यह एक विशेषाधिकार के मुद्दे से परे है। इसलिए हम चाहते हैं कि इसे गंभीरता से लिया जाए।' उन्होंने यह भी कहा कि चूँकि मामला 'विशेषाधिकार से परे' है और पार्टी सभी उपलब्ध उपकरणों, नियमों और परंपराओं का इस्तेमाल करने की कोशिश करेगी।
उन्होंने कहा है, 'राष्ट्र से जुड़ी कोई भी चीज सभी के लिए चिंता का विषय है। हमें परवाह नहीं है कि कांग्रेस या उसके नेतृत्व को क्या हो रहा है। लेकिन अगर वह देश का अपमान करते हैं तो हम चुप नहीं रह सकते।' उन्होंने कहा, 'भारत विरोधी ताकतों की भाषा एक ही है। वे उसी तर्ज पर बोलते हैं। इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल राहुल गांधी ने किया है। यह उन सभी की भाषा है जो भारत के खिलाफ काम करते हैं।'
बता दें कि राहुल गांधी ने इस मामले में गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की थी। उन्होंने कहा था कि बीजेपी के चार मंत्रियों ने मुझपर आरोप लगाये, इसलिए मुझे बोलने नहीं दिया गया और सदन स्थगित कर दिया गया। हालाँकि उन्होंने उम्मीद जताई कि उनको बोलने और उनका पक्ष रखने के लिए शुक्रवार को मौक़ा दिया जाएगा।
राहुल ने इस बात को भी संकेतों में रखा कि उन्हें आख़िर क्यों नहीं बोलने दिया जा रहा है। राहुल बोले, 'आइडिया ये है.... मैंने संसद में कुछ दिन पहले भाषण दिया अडानी जी के बारे में और नरेंद्र मोदी व अडानी जी का जो रिश्ता है उसके बारे में। मैंने सवाल पूछे। उस भाषण को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया। मेरे उस भाषण में ऐसा कुछ भी नहीं था जो सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं था। ...ये पूरा मामला डिस्ट्रैक्ट करने का है। सरकार और प्रधानमंत्री, जो अडानी जी का मुद्दा है उससे डरे हुए हैं। और इसीलिए ये पूरा तमाशा तैयार किया गया है। और मुझे लगता है कि वो संसद भवन में मुझे नहीं बोलने देंगे।'
प्रेस कॉन्फ़्रेंस से पहले संसद भवन पहुंचने पर पत्रकारों से राहुल ने कहा था, 'मैंने भारत विरोधी कुछ भी नहीं बोला। अगर वे अनुमति देंगे तो मैं संसद के अंदर बोलूंगा।' लंदन में कांग्रेस नेता की टिप्पणी को लेकर उनसे बीजेपी माफी की मांग कर रही है। राहुल ने लंदन में कहा था कि भारत के लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। बीजेपी इसे देश विरोधी बयान बता रही है। वह आरोप लगा रही है कि 'राहुल अमेरिका और ब्रिटेन से भारत में दखल देने की मांग कर रहे हैं'। सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने उन पर देश को 'बदनाम' करने का आरोप लगाया है।
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