‘मैंने अपना वोट दिया और मेरा वोट देश की एकता के लिए है। मैं देश की लोकतांत्रिक और चुनाव व्यवस्था में पूरा यक़ीन रखती हूँ।’ इसे पढ़कर आपको लगेगा कि यह बात तो कोई भी देश का आम नागरिक कहता है, इसमें बड़ी बात क्या है। लेकिन जब आपको पता चलेगा कि यह बिलकीस बानो ने कहा है तो उन लोगों को बिलकीस बानो पर ज़रूर गर्व होगा जो जानते हैं कि उस महिला के साथ किस हद तक अत्याचार हुए और उसे इंसाफ़ पाने में 17 साल का लंबा समय लग गया। बिलकीस 17 साल बाद इस बार अपना वोट दे सकीं।
सामूहिक बलात्कार, अत्याचार, नाइंसाफ़ी से लड़ने वाली बिलकीस बानो
- देश
- |
- |
- 25 Apr, 2019
सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता बिलकीस बानो ने तमाम दुख झेलने के बावजूद भी मानवीयता नहीं छोड़ी है। बिलकीस ने कहा है कि उन्हें मिली रक़म से वह पीड़ित महिलाओं की मदद करेंगी।
