केंद्र सरकार का कहना है कि 2020 में वित्तीय संकट के कारण 8,000 से अधिक लोगों की आत्महत्या से मौत हुई। कोविड -19 की पहली लहर और अचानक लॉकडाउन ने कई बेरोजगारों को खुदकुशी पर मजबूर कर दिया और महीनों तक तमाम लोगों की आय को प्रभावित किया। सरकार ने बुधवार को संसद में अपनी तरह की पहली ऐसी स्वीकृति में कहा।
पहली कोरोना लहर में बेरोजगारी, कर्ज से 8000 ने की खुदकुशीः केंद्र
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- 29 Mar, 2025
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने देश में बेरोजगारी और कर्ज की वजह से होने वाली मौतों की जानकारी दी। लेकिन यह आंकड़ा 2018 से लेकर 2022 तक का ही है।

केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि 2020 में बेरोजगारी, दिवालियेपन या कर्ज के कारण 8,761 लोगों ने आत्महत्या की। उनके मुताबिक 2018 और 2020 के बीच 25,000 से अधिक भारतीयों ने बेरोजगारी या कर्ज के कारण आत्महत्या की।
सरकार के मुताबिक 9,140 लोग बेरोजगारी के कारण आत्महत्या से और 16,091 लोग दिवालियेपन या कर्ज नहीं चुका पाने के कारण मर गए। यह जानकारी राज्य मंत्री (गृह) नित्यानंद राय ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। राय ने कहा कि सरकारी आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर आधारित हैं।