चीन के तेवरों से अब यह साफ़ होता जा रहा है कि वो अपने क़ब्ज़े की ज़मीन छोड़ने को तैयार नहीं है। ख़ासतौर पर गलवान घाटी को किसी भी तरह से भारत को देने के पक्ष में नहीं दिखता। बुधवार को चीन ने भारत पर वादाखिलाफी का आरोप लगा दिया और मामले को नाटकीय मोड़ दे दिया। चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालय ने यह कह कर सबको चौंका दिया कि 6 जून को दोनों देशों के कमांडरों के बीच में जो क़रार हुआ था, उसका पालन भारत ने नहीं किया है और वो अपने वादे से मुकर गया है। चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालय ने एक सुर में कहा है कि भारत ने इस बातचीत में यह मान लिया था कि वो गलवान घाटी में पैट्रोल नहीं करेगा और न ही वह इस इलाक़े में कोई निर्माण करेगा।
चीन का भारत पर वादाखिलाफी का आरोप; क्या क़ब्ज़े की ज़मीन नहीं छोड़ेगा?
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- 24 Jun, 2020
चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि नई दिल्ली के उकसावे से भारत चीन सीमा विवाद हुआ है। 15 जून की झड़प के लिए भी भारत को ज़िम्मेदार ठहराया है।
