जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मेडिकल ग्राउंड पर तीन महीने के लिए जमानत दे दी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शर्त लगाई है कि आरोपी न तो कोई नफरत वाला बयान देगा और न ही इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में कुछ नफरती बात बोलेगा। वसीम रिजवी पर हरिद्वार धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ नफरती भाषण देने का आरोप है। इस विवादास्पद धर्म संसद का आयोजन यति नरसिंहानंद ने किया था। नरसिंहानंद भी इस समय जमानत पर है।



उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 8 मार्च को वसीम रिजवी को जमानत देने से मना कर दिया था। इसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने उसे तीन महीने के लिए जमानत दे दी। इसे इस साल 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। सनातन धर्म ग्रहण करने से पहले वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को चुनौती दी थी और मामला कोर्ट तक पहुंचा था। उसी समय भारतीय मुसलमानों के सभी फिरकों ने उसकी गिरफ्तारी की मांग की थी।