बेंगलुरु में 72 साल के शख्स ने आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के लाभ से इनकार किए जाने के बाद 25 दिसंबर को आत्महत्या कर ली। उन्हें गैस्ट्रिक कैंसर था। उनकी खुदकुशी का मामला मीडिया में गुरुवार को सामने आया। रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित एक रिटायर्ड राज्य सरकार का कर्मचारी था। रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज को तब और झटका लगा जब उसे पता चला कि अस्पताल ने उसे आयुष्मान भारत वरिष्ठ नागरिक योजना के तहत ₹5 लाख का कवर देने से इनकार कर दिया है। इस योजना में सीनियर सिटिजन की उम्र सीमा केंद्र ने हाल ही में बढ़ाई थी।
आयुष्मान भारत योजना का 'इलाज' क्यों जरूरी, गरीब अस्पतालों में भटक रहे
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- 9 Jan, 2025
आयुष्मान भारत पीएम जन आरोग्य योजना- सिर्फ नाम ही लंबा है। मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से जनता को लाभ पहुंचना तो दूर इलाज तक नहीं हो पा रहा। हालात ये हैं कि अब इस योजना को खुद अपने इलाज की जरूरत पड़ रही है। बेंगलुरु से एक दर्दनाक खबर आई है, जिसमें 72 साल के कैंसर पीड़ित बुजुर्ग ने इसलिए जान दे दी, क्योंकि अस्पतालों ने इस योजना का लाभ उन्हें देने से मना कर दिया था। इस घटना ने सत्य हिन्दी को इस योजना की छानबीन का मौका दिया है।
