क्या भारतीय सुरक्षा एजेंसियों में आतंकवादी हमलों की पूर्व ख़ुफ़िया जानकारियों का सही विश्लेषण और संभावित हमले को रोकने के लिए समय रहते उचित कार्रवाई करने की क्षमता है? जम्मू-कश्मीर के अंवतिपोरा में हुए आतंकवादी हमले से ये सवाल फिर पूछा जाने लगा है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि बार-बार पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराने वाली भारतीय सुरक्षा एजेंसियाँ आतंकवाद रोकने में कितना सक्षम हैं?
पाक ने किया था अलर्ट, फिर भी भारत क्यों नहीं रोक पाया आतंकी हमला?
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- 19 Jun, 2019
क्या भारतीय सुरक्षा एजेंसियों में आतंकवादी हमलों की पूर्व ख़ुफ़िया जानकारियों का सही विश्लेषण और संभावित हमले को रोकने के लिए समय रहते उचित कार्रवाई करने की क्षमता है?

यह सवाल भी उठता है कि पाकिस्तान ने भारत को अहम ख़ुफ़िया जानकारी क्यों दी? क्या आतंकवाद उसकी विदेश नीति का हिस्सा नहीं रहा, या क्या वह वाक़ई बदल रहा है और इमरान ख़ान के शब्दों में यह ‘नया पाकिस्तान’ है? क्या उस पर अमेरिका या चीन या किसी और देश का दबाव है? या जानकारी देकर पाकिस्तान ने अपने को इस बार किसी भी आरोप से मुक्त करने की कोशिश की है? क्या ऐसा इसलिए हुआ कि अब इस्लामाबाद कह सके कि वह आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में भारत के साथ है? या यह किसी बड़ी साज़िश का हिस्सा?