एफ़आईआर का सामना कर रहे एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया यानी ईजीआई का प्रतिनिधिमंडल सेना के निमंत्रण पर मणिपुर में मीडिया रिपोर्टिंग का मूल्यांकन करने गया था। इसने सुप्रीम कोर्ट को यह बात बताई है। मणिपुर पुलिस द्वारा फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के लिए ईजीआई पर एफ़आईआर दर्ज करने के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँचा है। इसने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सेना के ख़त में ईजीआई को बताया गया कि इम्फाल घाटी के मीडिया आउटलेट उन तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने में लगे हुए हैं जो पत्रकारिता नैतिकता के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं। ख़त में कहा गया कि इस प्रक्रिया में आगे की हिंसा को भड़काने वाले ये हो सकते हैं।
मणिपुर मीडिया का एक समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह: ईजीआई को सेना का पत्र
- देश
- |
- 12 Sep, 2023
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया यानी ईजीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसका प्रतिनिधिमंडल सेना के निमंत्रण पर 'अनैतिक और एकतरफा रिपोर्टिंग' का मूल्यांकन करने गया था। जानिए, आख़िर सेना के पत्र में क्या है।

ईजीआई की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा को 12 जुलाई को लिखे गए सेना के ख़त में कहा गया है, 'मैं आपके ध्यान में मणिपुर की इंफाल घाटी में मीडिया आउटलेट्स द्वारा की जा रही पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग को लाने के लिए लिख रहा हूँ। ...संवेदनशील स्थिति को भड़काने वाली सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए 4 मई को इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था। हालाँकि, इम्फाल घाटी के मीडिया आउटलेट उन तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने में लगे हुए हैं जो पत्रकारिता की नैतिकता के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं और इस प्रक्रिया में आगे की हिंसा को भड़काने वालों में से एक हो सकते हैं।'