अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा है कि सरकारी एजेंसी के 'विच-हंट' यानी 'उत्पीड़न' के कारण वह अब भारत में अपना कामकाज बंद कर रहा है। इसने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने उसके बैंक खाते फ्रीज़ कर दिए। संस्था ने इस कार्रवाई को दिल्ली दंगे और अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन पर उसकी रिपोर्ट से जोड़ा है। हालाँकि, सरकार का कहना है कि यह संगठन अवैध रूप से विदेशी धन प्राप्त कर रहा है और यह विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं है। विदेशी फंडिंग के लिए यह पंजीकरण ज़रूरी होता है।
एमनेस्टी इंडिया पर मानवाधिकार उल्लंघन रिपोर्ट के लिए कार्रवाई हुई? कामकाज बंद
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- 29 Sep, 2020
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा है कि सरकारी एजेंसी के "उत्पीड़न" के कारण वह अब संचालन करने में सक्षम नहीं है। इसने आरोप लगाया है कि उसके बैंक खाते को जब्त कर दिया गया।

इस मामले में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक बयान जारी किया है। बयान में एमनेस्टी ने कहा, 'भारत सरकार ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के बैंक खातों को पूरी तरह से फ्रीज़ कर दिए हैं। इसके बारे में 10 सितंबर को पता चला। संगठन द्वारा किए जा रहे सभी कामों को बंद करना पड़ा।'