अमर जवान ज्योति पर जल रही अग्नि के विलय के मामले में कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा है कि अमर जवान ज्योति को बुझाना, उन वीरों के साहस और बलिदान का अपमान है, जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे।
बता दें कि दिल्ली में स्थित इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से लगातार जल रही अमर जवान ज्योति की अग्नि को नेशनल वॉर मेमोरियल में जल रही अग्नि के साथ मिला दिया गया।
सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि देश के लिए शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए पहले कोई वॉर मेमोरियल नहीं बनाया गया था, इसलिए इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती थी।
लेकिन अब शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए वॉर मेमोरियल बन चुका है तो अमर जवान ज्योति पर जल रही अग्नि को नेशनल वॉर मेमोरियल में जल रही अग्नि के साथ मिला दिया जाए।
कांग्रेस ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वीरता के इतिहास को मिटाने की भाजपाई साजिश को कोई देशभक्त बर्दाश्त नहीं करेगा। पार्टी ने कहा कि शहीदों के अपमान का मोदी सरकार का ये रवैया बहुत घृणित है।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यह बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा।
राहुल ने ट्वीट कर कहा, “कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!”
1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए 1972 में अमर जवान ज्योति पर अग्नि जलाई गई थी। जबकि इंडिया गेट को ब्रिटिश सरकार ने पहले विश्व युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में बनाया था।
केंद्र सरकार का बयान
केंद्र सरकार ने कहा है कि अमर जवान ज्योति पर जल रही अग्नि को लेकर बहुत सारी गलत बातें फैलाई जा रही हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अमर जवान ज्योति पर जल रही अग्नि को बुझाया नहीं जा रहा है बल्कि सिर्फ इसका विलय किया जा रहा है।नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। नेशनल वॉर मेमोरियल में भारत के लिए आजादी के बाद से अब तक शहीद हुए जवानों के नाम लिखे गए हैं।
नेशनल वॉर मेमोरियल 176 करोड़ की लागत से 40 एकड़ में बना है और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने से लेकर सेना के तमाम समारोह भी अब यहीं पर किए जाते हैं।
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