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ह्यूस्टन शहर में ‘हाऊडी मोडी’ इवेंट का विरोध करते लोग।

‘हाऊडी मोडी’: अंदर मोदी का स्वागत, बाहर पुरजोर विरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में स्थित एनआरजी स्टेडियम में रविवार रात (भारतीय समय के हिसाब से) को हाऊडी मोडी इवेंट को संबोधित किया। बताया जाता है कि इस मेगा इवेंट में क़रीब 50 हज़ार से ज़्यादा भारतीय समुदाय के अमेरिकी लोगों ने हिस्सा लिया। इस मेगा इवेंट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी आए। लेकिन अलायंस फ़ॉर जस्टिस एंड अकाउंटबिलिटी (एजेए) नाम की संस्था ने इस इवेंट का पुरजोर विरोध किया। यह संगठन इससे पहले भी प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका में हुए कार्यक्रमों का विरोध करता रहा है। 
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एजेए का दावा है कि उसकी संस्था में हिंदू, मुसलिम, दलित, सिख और ईसाई समूह शामिल हैं। संस्था के मुताबिक़, एजेए में हिंदूज फ़ॉर ह्यूमन राइट्स (एचएफ़एचआर) जिसे वह प्रगतिशील हिंदुओं का समूह कहती है, इंडियन-अमेरिकन मुसलिम काउंसिल और भारत के अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक संगठन भी शामिल है। 

एक ओर जहाँ एनआरजी स्टेडियम में रंगारंग कार्यक्रमों के बीच लोग प्रधानमंत्री मोदी के आने का इंतजार कर रहे थे, वहीं इस स्टेडियम से थोड़ी ही दूरी पर एजेए से जुड़े कुछ लोग किर्बी एवेन्यू नामक जगह पर इकट्ठा हुए थे और कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे। ह्यूस्टन पुलिस इन प्रदर्शनकारियों पर निगाह रखे हुए थी। इन सभी लोगों ने प्लेकार्ड दिखाकर अपना विरोध दर्ज कराया। 
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एजेए से जुड़े लोगों ने मीडिया से बातचीत की और अपने प्रदर्शन के बारे में बताया। एचएफ़एचआर से जुड़ीं सुनीता विश्वनाथ ने मीडिया से कहा, ‘हमारा धर्म हमें वसुधैव कुटुम्बकम सिखाता है लेकिन इस पर कट्टरपंथियों और राष्ट्रवादियों ने कब्जा कर लिया है, ये लोग मुसलमानों की हत्या कर रहे हैं और लोकतंत्र और क़ानून व्यवस्था को कुचल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि ये लोग इनके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को गिरफ़्तार करवा रहे हैं। सुनीता ने कहा कि उनकी संस्था कश्मीरी लोगों और एनआरसी में आने से बाहर रह गए 19 लाख लोगों को लेकर चिंतित हैं। 

alliance for justice and accountability protest against howdy modi - Satya Hindi
ह्यूस्टन शहर में ‘हाऊडी मोडी’ इवेंट का विरोध करते लोग।

इंडियन-अमेरिकन मुसलिम काउंसिल के सैयद अली ने प्रदर्शन के बाद कहा कि कई और अलगाववादी संगठनों ने भी इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और इसमें खालिस्तानी संगठन भी शामिल थे लेकिन हमारी संस्था एजेए उनका समर्थन नहीं करती। 

अली ने कहा, ‘हम कश्मीरियों, अल्पसंख्यकों और दलितों का समर्थन करते हैं। यह एक स्वतंत्र देश है, जहाँ हर किसी को अपना विरोध दर्ज कराने की अनुमति है। अली ने आगे कहा कि एजेए के पास हिंदुत्व का मुक़ाबला करने के लिए व्यापक योजना है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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