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प्रतीकात्मक तस्वीर

अखिलेश यादव ने कहा यूपी में इस बार एनडीए को हराएगा पीडीए 

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एनडीए या भाजपा को हराने का नया फॉर्मूला दिया है। उन्होंनेशनिवार को कहा मुझे यकीन है कि इस बार पीडीए उत्तर प्रदेश में एनडीए को हराएगा। उन्होंने बताया कि पीडीए मतलब पिछड़े, दलित और अल्‍पसंख्‍यक। इस बार उत्‍तर प्रदेश में पिछड़े, दलित और अल्‍पसंख्‍यक खास भूमिका निभाएंगे।

वे एनडीटीवी कॉन्‍क्‍लेव में बोल रहे थे। इसमें उन्होंने कहा कि 2024 के लिए मैंने नारा दिया है '80 हराओ, बीजेपी हटाओ'। मैं चाहता हूं कि दूसरे दल भी बड़े दिल के साथ समाजवादी पार्टी के साथ आएं और मैं उन्हें यकीन दिलाता हूं कि 80 की 80 सीटों पर हमारी जीत होगी। 

 इस बार भी हमें इस फॉर्मूले पर काम करना चाहिए। कई वरिष्‍ठ नेताओं से बात करने के बाद यही निष्‍कर्ष निकला है कि भाजपा को हराने के लिए जो दल जहां मजबूत है, वहां उसके उम्‍मीदवार का समर्थन करना चाहिए। 

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एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश असल में उम्‍मीदों का प्रदेश है। यह प्रदेश बहुत सकारात्‍मक है, लेकिन अब हालात बिगड़ रहे हैं।  मुझे याद है, बिना कोई इंवेस्‍टमेंट मीट किये हमारे समय में विभिन्न कंपनियों की ओर से निवेश आया था। लेकिन आज जिन निवेशकों ने यहां निवेश करने की बात कही थी वे यहां निवेश करने नहीं आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में गरीबों की अनदेखी हो रही है और भ्रष्‍टाचार बढ़ रहा है। नौकरियां मिल नहीं रही हैं। 

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उन्होंने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा होगा, 'ग़रीब का सम्मान', 'महंगाई' और बेरोज़गारी। बेरोजगारी और गरीबी बढ़ रही है। गरीब लोग परेशान है। इसलिए इस बार जनता बदलाव लाएगी। उत्‍तर प्रदेश में एक भी जिला अस्‍पताल पिछले 6 वर्षों में नहीं बना है। इस सरकार ने घर-घर एंबुलेंस की सेवा बंद कर दी, जिससे काफी लोग परेशान हैं। कहा कि 2014 में भाजपा उत्‍तर प्रदेश के दम पर ही सत्‍ता में आई थी। इस बार यूपी के दम पर ही सत्‍ता से बाहर जाएगी। 

निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू होना चाहिए 

अखिलेश यादव ने कहा कि सरकारी के साथ निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू होना चाहिए। जाति गणना का उन्होंने समर्थन किया है, कहा कि जाति जनगणना होनी चाहिए।  कानून व्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था का क्या हाल है यह सबके सामने है। क़ानून-व्यवस्था बिगड़ी हुई है। इसे समझने के लिए एनसीआरबी के आंकड़े देख सकते हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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